महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर जैसे क्रिकेट सितारों के जीवन पर बायोपिक बनाने के बाद, अब स्टाइलिश बल्लेबाज युवराज सिंह के जीवन पर भी एक बायोपिक बन रही है। इस बायोपिक की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है और इसे दो प्रमुख हस्तियां, भूषण कुमार और रवि भागचंदका, प्रोड्यूस करेंगे। फिल्म युवराज सिंह के क्रिकेट करियर और व्यक्तिगत जीवन को एक शानदार तरीके से पेश करेगी। इस बीच, चर्चा इस बात को लेकर है कि युवराज सिंह की भूमिका कौन निभाएगा।
दावेदार अभिनेता:
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रणबीर कपूर: युवराज सिंह ने हाल ही में अपनी बायोपिक के बारे में एक बड़ा बयान दिया था, जिसमें उन्होंने रणबीर कपूर को इस भूमिका के लिए सबसे उपयुक्त बताया। युवराज ने कहा, “मैंने हाल ही में ‘एनिमल’ देखी और मुझे लगता है कि रणबीर कपूर मेरी बायोपिक के लिए बिल्कुल सही रहेंगे। लेकिन अंततः यह निर्देशक का फैसला होगा।” रणबीर कपूर की अभिनय क्षमताओं और उनकी विविध भूमिकाओं को देखते हुए, उनकी पोटेंशियल इस किरदार के लिए काफी मजबूत मानी जा रही है।
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रणवीर सिंह: रणवीर सिंह भी इस बायोपिक के लिए एक प्रमुख दावेदार हैं। उन्होंने पहले भी क्रिकेटर की बायोपिक में काम किया है, जिसमें उन्होंने फिल्म ‘83’ में कपिल देव का किरदार निभाया था। उनके द्वारा निभाए गए क्रिकेटर के किरदार को दर्शकों ने काफी सराहा था, जो उनके इस रोल के लिए एक मजबूत आधार बनाता है।
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सिद्धांत चतुर्वेदी: सिद्धांत चतुर्वेदी, जिन्होंने ‘गली बॉय’ में एमसी शेर का किरदार निभाया था, भी युवराज सिंह की बायोपिक के लिए एक संभावित नाम हैं। युवराज ने पहले ही सिद्धांत के नाम का उल्लेख किया था, यह सुझाव देते हुए कि अगर फिल्म बॉलीवुड में बनाई जाती है, तो सिद्धांत एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
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आयुष्मान खुराना: आयुष्मान खुराना, जो खुद चंडीगढ़ से हैं, युवराज सिंह की भूमिका निभाने के लिए एक अन्य संभावित विकल्प हैं। उनकी एक्टिंग की क्षमता और विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं में उनकी सफलताओं को देखते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि उन्हें इस भूमिका के लिए चुना जाता है या नहीं।
कैंसर पर जीत की कहानी
युवराज सिंह ने 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान कैंसर का सामना किया था। कैंसर के बावजूद, उन्होंने वर्ल्ड कप खेलना जारी रखा और पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। उन्हें मैदान पर खून की उल्टियां हो रही थीं और उनका शरीर कमजोर हो रहा था, लेकिन उन्होंने अपनी हालत की भनक किसी को नहीं लगने दी। इस कठिन संघर्ष के बावजूद, युवराज सिंह ने भारत को 28 साल बाद क्रिकेट की दुनिया का बेताज बादशाह बनाया।
2011 वर्ल्ड कप के दौरान, युवराज सिंह को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब मिला था। विश्व कप के बाद, उनका इलाज बोस्टन और इंडियानापोलिस में किया गया था। मार्च 2012 में कीमोथेरेपी के तीसरे और अंतिम चक्र के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। युवराज ने क्रिकेट के मैदान से लेकर जीवन की जंग में भी जीत हासिल की, जिससे उनकी बायोपिक के लिए किसी भी अभिनेता को चुनौतीपूर्ण कार्य मिल सकता है।