Health Tips: हालांकि किसी भी व्यक्ति की हाइट (Height) कैसी होगी, यह कई बातों पर निर्भर करता है। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर ग्रोइंग एज (Growing Age) में बच्चों को अच्छी डाइट (Good Diet) दी जाए और वे खूब फिजिकल एक्टिविटीज (Physical Activities) करें तो उनकी हाइट अच्छी हो जाती है। योगा एक्सपर्ट (Yoga Expert) विकास (Vikas) बताते हैं कि कुछ आसनों के नियमित अभ्यास से भी बच्चों की लंबाई बढ़ती है। यही नहीं योगाभ्यास करने से बच्चा शारीरिक, मानसिक रूप से स्वस्थ भी रहता है। यहां हम आपको उन योगासन के बारे में बताएंगे जिनको अगर आप अपने बच्चों की आदत में शामिल करेंगे तो उनकी लंबाई बढ़ाई जा सकती है।
ताड़ासन (Tadasana)
विधि
ताड़ासन करने के लिए सबसे पहले बच्चे से कहें कि वह एक जगह पर सीधा खड़ा हो जाए। दोनों पैरों के बीच दूरी बनाकर रखे। लंबी गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर से ऊपर उठाए। दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में इंटरलॉक कर ले। अब एड़ी को उठाए और पैरों की अंगुलियों पर खड़े हो जाए। हाथों से पूरी बॉडी को ऊपर की तरफ स्ट्रेच करे। इस अवस्था में 10 सेकेंड रुकने के बाद सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाए। बच्चे इस आसन को आसानी से कर सकते हैं।
लाभ
इस आसन को रोज करने से लंबाई बढ़ती है। पाचन तंत्र मजबूत बनता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इसके अलावा आंखों की रोशनी बढ़ती है और मांसपेशियां भी मजबूत बनती है।
सावधानियां
पैरों, पेट में दर्द होने पर बच्चे से यह आसन ना करवाएं। इसी तरह अगर कोई बच्चा किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, तो उससे भी यह आसन ना करवाएं।
वृक्षासन (Vrikshasana)
विधि
इस आसन को करने के लिए बच्चे से कहें कि वह अपने दोनों पैरों को मिलाकर खड़ा हो जाए। हाथों को एकदम सीधा रखे। अब दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए एड़ी को बाएं पैर की जांघ पर रखे। अब हाथों को सिर के ऊपर सीधा रखे और नमस्कार की मुद्रा बना ले। इस दौरान उससे कहें कि वह अपनी सांसों को नियंत्रण में रखे। अब 10-20 सेकेंड तक इस अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लौटने को कहें।
लाभ
इस आसन को रोज करने से बच्चे की लंबाई बढ़ती है। दरअसल, इससे हाथों और पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जो लंबाई बढ़ाने में फायदेमंद होता है। साथ ही यह आसन एकाग्रता को भी बढ़ाता है।
सावधानियां
अगर बच्चे के घुटनों, पैरों में दर्द है तो उससे यह आसन ना करवाएं। हाथों में दर्द होने की स्थिति में भी वृक्षासन नहीं किया जाना चाहिए।
पादहस्तासन (Padahastasana)
विधि बच्चे से कहें कि वह पादहस्तासन करने के लिए सबसे पहले एकदम सीधा खड़ा हो जाए। लंबी गहरी सांस ले। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कूल्हों से नीचे की ओर झुके। हाथों की अंगुलियों से टखनों और नाक से घुटनों को छूने की कोशिश करे। इसका अभ्यास धीरे-धीरे करना चाहिए। शुरुआत में इसे करने में थोड़ी दिक्कत आ सकती है।
लाभ
इस आसन को करने से बच्चे की लंबाई बढ़ने के साथ-साथ उसकी एकाग्रता क्षमता भी बढ़ती है और मांसपेशियां भी मजबूत बनती हैं। इसे रोज करने से किडनी और लिवर भी स्वस्थ रहते हैं।
सावधानियां
शुरुआत में इस योगासन को धीरे-धीरे करना चाहिए। पीठ, कमर, रीढ़ की हड्डी में दर्द होने की स्थिति में बच्चे से यह आसन ना करवाएं। बच्चे के पेट में दर्द हो तो भी इस आसन को ना करवाएं।
भुजंगासन (Bhujangasana)
विधि
बच्चे से कहें कि भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाए। अपनी दोनों हथेलियों को कंधों के सामने रखे। पैरों को बिल्कुल सीधा रखे। अब हथेलियों पर वजन डालते हुए नाभि तक के हिस्से को ऊपर उठाए। कुछ देर इसी अवस्था में रहे। सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में लौटने को कहें। आप बच्चे से कह सकती हैं कि वह इस योगासन को 3-5 बार दोहराए।
लाभ
भुजंगासन के नियमित अभ्यास से लंबाई बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही भुजंगासन करने से शरीर के ऊपरी हिस्सों का भी विकास होता है। हाथों, पेट, पीठ और पैरों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं।
सावधानियां
अगर बच्चे के पेट, पीठ या पैरों में दर्द है, तो भुजंगासन का अभ्यास ना करवाएं। इसके अलावा पेट की सर्जरी होने पर भी भुजंगासन नहीं करना चाहिए। शुरुआत में किसी योगा एक्सपर्ट से बच्चे को योगाभ्यास सिखाएं। सही तरीके से अभ्यास करने पर ही बच्चे को इसका पूरा लाभ मिलेगा।
लेखक- शिवम चोपड़ा (Shivam Chopra)