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भिलाई इस्पात संयंत्र के दल्लीराजहरा खदान के श्रमिक प्लांट के सामने बैठे धरने पर, श्रम कानून के तहत सुविधा देने की मांग 

भिलाई इस्पात संयंत्र के दल्लीराजहरा खदान के श्रमिक प्लांट के सामने बैठे धरने पर, श्रम कानून के तहत सुविधा देने की मांग 

रिपोर्टर - राहुल भूतड़ा 
बालोद।
जिले के दल्लीराजहरा में भिलाई इस्पात संयत्र अंतर्गत ग्राम कोंडेकसा में नवनिर्मित पेलेट एंड पावर प्लांट के मजदूरों ने बीएसपी प्रबंधन और निर्माणाधीन कंपनी जगन्नाथ पेलेट पावर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मजदूर निर्माण कार्य को बंद कर प्लांट के सामने धरने पर बैठ गए है।

श्रम कानून के तहत नहीं हो रहा काम 
मामले को लेकर आंदोलन कर रहे मजदूरों कि माने तो जगन्नाथ पेलेट प्लांट कम्पनी के प्रबंधन द्वारा लगातार मजदूरों का शोषण किया जा रहा है. मजदूरों को श्रम कानून के तहत निर्धारित 6 घंटे के बजाय 8 घंटे काम लिया जाता है। यही नहीं कंपनी द्वारा यहां काम कर रहे मजदूरों के सुरक्षा को लेकर किसी तरह का ध्यान नहीं दिया जा रहा है और इसी के चलते पिछले सप्ताह दो मजदूर करीब 60 फ़ीट  की ऊंचाई से गिरने से 2 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए वही कुछ दिन पहले 1 मजदूर की मौत भी चुकी है जिसके बाद भी प्रबंधन द्वारा घायल मजदूरों को समुचित  इलाज सुविधा उपलब्ध नही करने के चलते मजदूरों द्वारा अपने साथियों का इलाज दल्लीराजहरा के एक निजी अस्पताल में कराया जा रहा है. 

सुविधा नहीं तो काम नहीं 
प्रबंधन की उदासीनता से नाराज करीब 5 सौ मजदूर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर चले गए है. मजदूरों का मानना है कि जब तक प्रबंधन द्वारा उन्हें समुचित सुविधा उपलब्ध नही कराई जायेगी तब तक मजदूर काम पर नहीं लौटेंगे। आपको बता दे एक माह पूर्व ही इस कंपनी में कार्यरत क्षेत्र मजदूर जिसमे घोबेदण्ड के आश्रित ग्राम कोंडेकसा, झिकाटोला, दर्रेकसा और कुंजमाटोला के ग्रामीणों ने बालोद कलेक्ट्रेट कम्पनी प्रबंधन के खिलाफ शिकायत किया था जिसमे मजदूरों ने कम्पनी पर यहां काम कर रहे ग्रामीण मजदूरों को गेट पास ट्रेनिंग उपलब्ध नही करने की शिकायत की थी जिसके चलते इन मजदूरों को समुचित सुविधा नही मिल पाती।

प्रबंधक ने मीडिया से मिलने से किया मना
हाल ही में हुए हादसे ने मजदूरों के शिकायत पर मुहर लगा दी है वही मामले को लेकर जब मीडिया द्वारा कम्पनी के प्रबंधक से बात करने का प्रयास किया तो प्रबंधक ने मीडिया से मिलने से ही मना कर दिया। बहरहाल मजदूरों का यह आंदोलन आगे क्या रुख अख्तियार करती है यह देखना होगा। 


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