जगदलपुर: सरकार हर गांव तक विकास पहुंचाने का काम तो करती हैं. और राशि भी स्वीकृति की जाती है. लेक़िन जिम्म्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी अपने कामो में लापरवाही करने के चलते बेचारे आदिवासि ग्रामीणो को दो चार होना पड़ रहा है. विकास का दावा करने वाले नेताओ और अधिकारियों को शायद इन महिला ग्रामीणो की पीड़ा नही दिखी होगी. शायद यही कारण है कि 25 किलोमीटर दूर तपती धूप में मासूम बच्चों को लेकर कलेक्टर बास्तर से मिलने पहुंची. और इनकी शिकायत भी उतनी गंभीर नही है कि वो दूर ना हो पाए. लेकिन इनकी तकलीफ को दूर करना छोड़ नेता और अधिकारी इनसे बात तक नंही करना चाहते . दरभा ब्लाक के लेन्द्रा पंचायत माँझीगुड़ा से आई महिलाये जगदलपुर कलेक्ट्रेट पहुँची.
वहीं मीडिया की नजर कलेक्ट्रेट में खड़ी इन महिलाओं पर पड़ी तो.उनकी समस्या सुन मीडिया भी अचरज में रह गई.उन्होंने बताया कि बीते 10 सालों से वे शौचालय व पानी की मांग को लेकर गुहार लगाती रही.और दफ्तर दफ्तर चक्कर के साथ स्थानिय नेताओ को भी जानकारी दी.लेकिन इलाके के सरपंच और जनपद के नेताओ ने इनसे मुह मोड़ लिया जिसके कारण ये महिलाओ आज जगदलपुर पहुँच कर कलेक्टर से मिलना चाह रही थी.लेकिन इन महिलाओं की मुलाकात जिला कलेक्टर से फिलहाल नही हो पाई हैं. और बाहर खड़ी उनका इंतज़ार कर रही हैं.. चूंकि आज मंगलवार है और जिले भर के अधिकारियों के साथ साप्ताहिक बौठक की जाती है.और आये सामस्याओ को दूर करने की योजनाएं बनती है.
लेकिन तस्वीरों को देख कर आप शायद यह सोच सकते है. जनता जनार्दन किस सामस्या को लेकर इतनी दूर से आये है..और अंदर जो बैठक की जा रही हैं वो किसके लिए हो रही है. वहींपरेशान महिलाओ ने बताया कि वे कई बार जनपद के अधिकारियों और नेताओं तक अपनी बात पहुंचाई थी लेकिन उनकी समस्या आज 10 साल से अधूरी है. अब यही देखना होगा कि क्या नेता क्या अफसर आखिर किस विकास का दावा करने का दम भरते है. और अपनी जिम्मेदारीयो से भाग जा रहे हैं..क्या इन महिलाओ को जवाब कोई दे पाएगा या उनकी सामस्याओ को पुरा किया जाएगा.