रायपुर। 1971 के भारत-पाक युद्ध में अपनी जांबाजी से देश का मान बढ़ाने वाले बहादुर अफसर और विंग कमांडर एमबी ओझा नहीं रहे। राजधानी के वीआईपी रोड मौलश्री विहार निवासी विंग कमांडर एमबी ओझा का रविवार को दोपहर 4 बजे 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे संतोष ओझा के पिता थे। उनका संस्कार सोमवार को प्रातः 11 बजे महादेवघाट श्मशान घाट में किया जाएगा।
पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने किया था सरेंडर
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उनके निधन पर शोक जताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। विंग कमांडर एमबी ओझा ने इंडियन आर्मी के बहादुर अफसर के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई। भारत-चीन युद्ध के अलावा कई अहम मौकों पर वे मातृभूमि की रक्षा के लिए कभी पीछे नही हटे। 16 दिसंबर 1971 को भारत-पाकिस्तान युद्ध के उस ऐतिहासिक क्षण, जब पाकिस्तान के तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने 93 हजार सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, उस समय भी भारतीय सेना की देश को गौरवपूर्ण उपलब्धि दिलाने वालों में विंग कमांडर एमबी ओझा शामिल रहे।