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नवरात्रि के बाद ही क्यों मनाया जाता है दशहरा? और नीलकंठ का दर्शन करना क्यों है शुभ? जानिए इसके पीछे की कहानी... 

नवरात्रि के बाद ही क्यों मनाया जाता है दशहरा? और नीलकंठ का दर्शन करना क्यों है शुभ? जानिए इसके पीछे की कहानी... 

स्टोरी- मानसी चंद्राकर

Vijayadashami 2024: शारदीय नवरात्रि के बाद दशहरा यानि विजयादशमी मनायी जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं नवरात्र और विजयादशमी का आपस में क्या कनेक्शन है? दशहरा मनाने के दो प्रमुख कारण हैं- एक तो मां दुर्गा ने 9 दिन की लड़ाई के बाद महिषासुर का वध किया। विजयदशमी, जिसे दशहरा कहा जाता है, नवरात्रि के समाप्त होने के अगले दिन मनाया जाता है, क्योंकि इस पर्व का सीधा संबंध मां दुर्गा से है।

समुद्र तट पर 9 दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की थी: 

Vijayadashami 2024: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने इस दिन रावण का वध किया था। कहा जाता है कि रावण का वध करने से पहले उन्होंने समुद्र तट पर 9 दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की, और फिर दसवें दिन उन्हें विजय प्राप्त हुई। एक अन्य मान्यता यह भी है कि मां दुर्गा ने नौ रातों और दस दिनों के युद्ध के बाद राक्षस महिषासुर का वध किया था।

दशहरा के दिन नीलकंठ का दर्शन करना शुभ:

Vijayadashami 2024: दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन का महत्व भगवान राम की लंका पर विजय से जुड़ा हुआ है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान राम ने रावण का वध करने के लिए लंका पर आक्रमण किया, तब उन्होंने युद्ध से पहले नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे। यह पक्षी भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है, और नीलकंठ के दर्शन को शुभ और विजय का संकेत माना गया। इसके बाद ही श्री राम ने युद्ध में रावण का वध किया। इसलिए, दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन को भगवान राम की विजय से जोड़कर देखा जाता है, और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है।


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