भोपाल : मध्यप्रदेश सहित देशभर के मुस्लिम समाज के लोगों में वक्फ संशोधन बिल को लेकर ख़ुशी की लहर है। राजधानी भोपाल में भी वक्फ बोर्ड संशोधन के समर्थन में पुरुष और महिलाएं सड़कों पर उत्तरी और आतिशबाजी कर जश्न मनाया। इतना ही नहीं महिलाओ ने पीएम मोदी का शुक्रिया कर पोस्टर भी लहराया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। तो वही बिल का विरोध करने वाले पर मंत्री विश्वास सारंग ने तंज कस्ते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड से केवल बेजा कब्जा करने वाले अमीर मुस्लिम नेताओं के पेट में ही दर्द हो रहा।
अमीर मुस्लिम नेताओं के पेट में हो रहा दर्द
भोपाल में मुस्लिम समाज द्वारा वक्फ संशोधन बिल के समर्थन पर मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड से केवल बेजा कब्जा करने वाले अमीर मुस्लिम नेताओं के पेट में दर्द हो रहा है। भोपाल में हजारों मुस्लिम भाइयों-बहनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वक्फ़ संशोधन बिल का समर्थन किया। ये बिल आम मुसलमान के खिलाफ नहीं है।
नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए कर रहे गुमराह
मंत्री विश्वास सारंग ने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड बिल में चंद नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए गुमराह कर रहे। भोपाल में जिस प्रकार से मुस्लिम भाइयों-बहनों ने बिल के समर्थन में अपनी भावनाएं प्रकट की वो अनर्गल प्रचार कर रहे नेताओं पर करारा तमाचा है। यह बिल किसी कौम के खिलाफ नहीं है यह भोपाल में मुस्लिम भाइयों-बहनों ने अपना समर्थन देकर किया साबित। वक्फ़ संशोधन बिल जो पढ़ेगा वो विरोध नहीं करेगा।
लोकसभा के बाद राज्यसभा में बिल किया जाएगा पेश
बता दें कि लोकसभा में आज वक्फ संशोधन बिल पेश किया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू बिल को सदन के पटल पर रखेंगे। इसके बाद बिल पर चर्चा शुरू होगी। सरकार की कोशिश है कि आज ही बिल को लोकसभा में पास कराकर। इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। यह रिपोर्ट ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी द्वारा तैयार की गई है।
वक्फ बिल क्या है
वक्फ (संशोधन) बिल 2024, वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव करने वाला एक विधेयक है। इसे केंद्र सरकार आज लोकसभा में पेश करेगी। इस पर चर्चा होगी और इसे पास कराने की कोशिश होगी। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पारदर्शिता और दुरुपयोग रोकने के लिए नियमों को सख्त करना है।
नए वक्फ बिल में क्या है?
मौजूदा सरकार ने अपने सहयोगी दलों की मांग को स्वीकार करते हुए नए बिल में कई परिवर्तन किए हैं, जैसे 5 वर्षों तक इस्लाम धर्म का पालन करने वाला ही वक्फ को अपनी संपत्ति दान कर सकेगा। दान की जाने वाली संपत्ति से जुड़ा कोई विवाद होने पर उसकी जांच के बाद ही अंतिम फैसला होगा। इसके साथ ही पुराने कानून की धारा 11 में संशोधन को भी स्वीकार कर लिया गया है, जिसमें कहा गया है कि वक्फ बोर्ड के पदेन सदस्य चाहे वह मुस्लिम हों या गैर मुस्लिम, उसे गैर मुस्लिम सदस्यों की गिनती में शामिल नहीं किया जाएगा। इसका अर्थ यह कि वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्यों की संख्या बढ़ सकती है।