Matka Water Benefits :गर्मी का मौसम शुरू होने के चलते लोगों को अधिक प्यास लगी है। जिसे बुझाने के लिए लोग ठंडे पानी का सहारा लेते है। फिर चाहे वो फ्रिज हो या आरो, लेकिन क्या आप जानते है कि गर्मी में इतना ठंडा-ठंडा पानी पीना सेहत के लिए काफी नुकसान दायक हो सकता है। फ्रिज का ठंडा पानी कई तरह की समस्याएं पैदा करता है, लेकिन मटके का ठंडा पानी कई प्रॉब्लम्स को दूर भगाता है. ऐसे में अगर आप खुद को बीमारियों से दूर रखना चाहते हैं तो फ्रिज का पानी पीने के बजाय मटके का ठंडा पानी पिएं और अपनी प्यास बुझाएं। क्योकि मटके का पानी शुद्ध होता है और इसमें विभिन्न प्रकार के खनिज होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। आइए बताते हैं आपको मटके से पानी पीने के कुछ फायदे…
आयरन की कमी दूर
मटके का पानी आयरन की कमी दूर करने के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। मटके में पानी रखने से पानी में कुछ अतिरिक्त तत्व शामिल होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं, जैसे कि सिलिका, आयरन और कैल्शियम। हालांकि, मटके में पानी रखने से शरीर के दर्द और सूजन में आराम मिल जाता है। इसलिए गर्मी के मौसम में फ्रिज के बजाए मटके में पानी रखकर पीना ज्यादा फायदेमंद और सेहतमंद होता है।
वाटर क्वालिटी बेहतर होती
सबसे अच्छी बात ये है कि मिट्टी के मटके या घड़े का पानी पीने से पानी की गुणवत्ता सुधर जाती है. मटका पानी की सभी अशुद्धियों को दूर कर देता है. प्लास्टिक की बोतल की तरह मिट्टी के घड़े में किसी तरह का केमिकल यूज नहीं किया जाता है. इसलिए यह केमिकल फ्री होता है
पीएच लेवल बैलेंस रहता
पानी पीते समय उसका पीएच लेवल जरूर पता होना चाहिए. यह बॉडी के इनर आर्गन को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. मटके में रखे पानी का पीएच लेवल बैलेेसंस रहता है. घड़े की नेचर क्षारीय होती है, यह पानी के अम्लीय तत्वों को नार्मल करने का काम करता है. मटके का पानी पीने से बॉडी का पीएच लेवल भी मैंटेन होता है.
गले के लिए लाभकारी
आमतौर पर लोग पानी को ठंडा करने के लिए फ्रिज का प्रयोग करते हैं. फ्रिज में पानी बहुत अधिक ठंडा हो जाता है. कई बार जमकर बर्फ बन जाता है. अधिक ठंडा पानी पीने से गला खराब होने का खतरा रहता है. लेकिन मटका का पानी ठंडा तो होता है, मगर एक निश्चित लेवल तक ही रहता है. यह गले को खराब नहीं करता है.
लू से बचाए
अधिक गर्मी पड़ने पर लोगों को लू लग जाती है. कई लोग लू की चपेट में आ जाते हैं. ऐसे लोगों को मिट्टी के घड़े का पानी पीना चाहिए. मिट्टी में बसे पोषक तत्व भी बॉडी में पहुंच जाते हैं. इससे बॉडी फिट रहती है.
मेटाबॉलिज्म बूस्ट करे
यह मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने का काम भी करता है. प्लास्टिक की बोतल में बिस्फेनॉल जैसे जहरीले रसायन मौजूद होते हैं. घड़ा इस मामले में गुणकारी है. मटके का पानी पीने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर संतुलित रहता है. बॉडी का मेटाबॉल्जिम बेहतर होता है.
सर्दी-जुकाम से बचाव
गर्मियों में फ्रिज का पानी पीने से गले की कोशिकाओं का तापमान अचानक कम हो जाता है, जिससे सर्दी-जुकाम और गले की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जब भी फ्रिज से पानी पीना हो, उसे सामान्य कमरे के तापमान में रखने के बाद ही पीना चाहिए। इससे गले की समस्याओं से बचा जा सकता है।
एसिडिटी से राहत
RO पानी को फिल्टर करने के दौरान उससे जरूरी पोषक तत्वों को भी खत्म कर देता है, जबकि मटका नैचुरल फिल्टर के रुप में काम करता है। मटके का पानी वास्तव में नेचुरल फिल्टर के रूप में काम करता है और उसमें कुछ पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। यह पानी अल्कलाइन होता है जिससे गैस-एसिडिटी जैसी समस्याएं दूर हो सकती हैं।