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चेमल माइंस का ग्रामीणों ने किया विरोध, जनसुनवाई में भी नही हुए शामिल, जमकर नारेबाजी

चेमल माइंस का ग्रामीणों ने किया विरोध, जनसुनवाई में भी नही हुए शामिल, जमकर नारेबाजी

कांकेर। दुर्गुकोंदल ब्लॉक में पुष्प स्टील माइनिंग लिमिटेड के द्वारा संचालित चेमल माइंस के छमता विस्तार को लेकर आज जनसुवाई रखी गई थी लेकिन ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध के कारण सुनवाई स्थिगित कर अधिकारी वापस लौट गए है। चेमल माइंस से प्रभावित 6 गांव के ग्रामीणों ने जनसुनवाई का जबरदस्त विरोध करते हुए माइंस प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए है।

विकास कार्यों और रोजगार के वादों को नहीं किया पूरा 
ग्रामीणों ने बताया कि 2007 में यह माइंस शुरू हुई थी लेकिन नक्सल कारणों से माइंस बंद कर दी गई थी. 2018 में फिर से माइंस शुरू होने के बाद माइंस प्रबंधन ने जितने वादे क्षेत्र के विकास के लिए किए थे उसमे से एक भी काम नही हुए है, ना तो क्षेत्र में सड़को को लेकर कोई प्रयास किया गया न बिजली पानी के लिए कोई पहल माइंस प्रबंधन ने की है। ग्रामीणों का आरोप है कि माइंस प्रबंधन ने ग्रामीणों को रोजगार को लेकर भी ठगा है। 6 गांव के आधे ग्रामीणों को ही रोजगार दिया गया है , जबकि शेष अभी भी भटक रहे है। माइंस के गंदे पानी से खेतो की फसलें बर्बाद हो रही है, इसको लेकर भी कोई मुआवजा नहीं मिला और न ही व्यवस्था सुधारने कोई प्रयास किए गए है।

जनसुनवाई स्थगित कर लौटे अधिकारी
ग्रामीणों के जोरदार विरोध के बाद प्रशासन ने जनसुनवाई को स्थगित कर दिया है।बता दे कि आज की जा सुनवाई माइंस के छमता विस्तार को लेकर थी जिसमे डेढ़ लाख टन से बढ़ाकर 12 लाख टन करने को लेकर ग्रामीणों की सहमति लेनी थी, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के बाद मामला अटक गया है।


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