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Unique Wedding in Betul : आखिर लाल जोड़े में विदा हुई बैतूल स्टेशन की बेटी

Unique Wedding in Betul : आखिर लाल जोड़े में विदा हुई बैतूल स्टेशन की बेटी

बैतूल। इन दिनों नागपुर रेल मंडल का बैतूल स्टेशन शादी वाला घर बना हुआ था। नाच-गाना, हल्दी, मंडप, शादी की हर प्रकार की रस्में इसी स्टेशन पर पूरी हुई। यहां तक की विदाई भी इसी स्टेशन से की गई है। ये सब किया गया बैतूल स्टेशन में काम करने वाली इकलौती महिला कुली दुर्गा के लिए। दुर्गा नारीशक्ति की एक मिसाल है, जिसने अपनी भांजी के लिए शादी के सपने को ही न कह दिया था, लेकिन कहते हैं न जोड़ी तो ऊपर वाला ही बनाता है। इंसान केवल एक जरिया है जो भगवान के किए गए फैसले की दिशा में चलता है। इसका प्रमाण इस अनूठी शादी से देखा ही जा सकता है। अपनी भांजी की परवरिश में लगी दुर्गा की शादी एक ऐसे इंसान से हुई है जिसने दुर्गा को तो अपनाया ही साथ में उसकी भांजी को भी अपना बेटी की तरह प्यार करने का वादा किया है। 

क्यों लिया था शादी न करने का फैसला

लोगों के अलग-अलग कारण होते हैं जिनकी वजह से वे अपने जीवन में शादी न करने का फैसला लेते हैं। दुर्गा का भी ऐसा ही एक कारण था। दुर्गा के माता-पिता की मौत हो गई, बड़ी मशक्कत के बाद उसे अपने पिता की नौकरी मिली। इसी बीच उसकी बहन का भी देहांत हो गया। बहन की एक छोटी सी बेटी थी। जिसका अब की नहीं था। उसकी परवरिश की जिम्मेदारी भी दुर्गा के ही ऊपर आ गई थी। अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए उसने शादी न करने का फैसला लिया और एक लड़की होने के बाद भी चल पड़ी कुली का काम करने। हर दिन वह यात्रियों का सामान ढोती और अपनी भांजी का भी खयाल रखती। 

भगवान की थी अलग ही योजना

दुर्गा ने प्रयास किया था अपनी भांजी के लिए आजीवन कंवारी रहने का, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। दुर्गा की एक पक्की सहेली एएसआई फराह खान है। ये दुर्गा को हमेशा शादी कर लेने को कहा करती थी। दुर्गा हर बार बात को टाल देती। आखिर स्टेशन के सभी लोगों और फराह खान ने एक ऐसे लड़के की तलाश शुरू की जो दुर्गा का भी ध्यान रखे और उसकी भांजी का भी। आखिर सभी लोग इस लड़के की खोज में सफल रहे। भगवान की कृपा से आठनेर निवासी सुरेश ने इन सभी शर्तों के साथ दुर्गा से शादी करने का फैसला किया। अब जिस लड़की ने अपनी जिम्मेदारियों के कारण शादी न करने का फैसला किया था, वही लाल जोड़े में दुल्हन बनकर अपने ससुराल गई है। 

नहीं करने दी खर्चे की चिंता

15 सालों से बैतूल के लिए नारीशक्ति की मिसाल दुर्गा की आर्थिक स्थिति के बारे में पूरे रेलवे स्टेशेन को पता था। शादी के लिए लड़का तो देख लिया गया, लेकिन खर्चे से डर कर दुर्गा इनकार न कर दे इसलिए सभी ने इसकी शादी का भी खर्चा उठाया है। बैतूल आरपीएफ ,जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने मिलकर दुर्गा की शादी का सारा इंतजाम किया सारा खर्चा उठाया। आखिर सभी की मेहनत रंग लाई और ये सबकी चहेती स्टेशन की एकमात्र महिला कुली भी डोली में बैठ ही गई। सभी ने इस नए जोड़े को आशीष देकर स्टेशन से ही दुर्गा की विदाई की है। 
 


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