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बीकानेर का अनोखा मंदिर: जहां गुरुद्वारा और मंदिर हैं एक साथ

बीकानेर का अनोखा मंदिर: जहां गुरुद्वारा और मंदिर हैं एक साथ

Bikaner : बीकानेर, अपनी गंगा जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है, जहां सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। यहाँ एक अनोखा मंदिर है जो पूरे भारत में सिर्फ यही है | 

बीकानेर, का बड़ा बाजार घूमचक्कर स्थित सत्यनारायण मंदिर और गुरुद्वारा | यह मंदिर इसलिए अनोखा है क्योंकि जहां मंदिर के साथ गुरुद्वारा भी है।

मंदिर और गुरुद्वारा

यह मंदिर और गुरुद्वारा करीब 500 साल पुराना है। यहाँ मंदिर में पूजा अर्चना के साथ गुरुवाणी भी होती है। मंदिर के पुजारी ही मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद गुरुद्वारे में पाठ करते हैं।

इतिहास

सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानकदेव का संबंध बीकानेर से भी रहा है। 1506 से 1509 के तीसरे चरण की उदासी यात्रा में वह बीकानेर पहुंचे। इस दौरान वह आज के बड़ा बाजार घुमचककर के पास स्थित सत्यनारायण मंदिर में ठहरे थे। 10 दिन से अधिक प्रवास के दौरान उन्होंने यहां के तत्कालीन राजा राव लूणकरण के साथ सनातन और जैन धर्म के संतों के साथ चर्चा की थी।

मंदिर का महत्व

यह भारत का संभवतया यह एकमात्र वैष्णव मंदिर है, जहां आरती के साथ ही प्रतिदिन गुरुवाणी पाठ भी होती है। यहाँ गुरु नानकदेव जी को कड़ाही का भोग अर्पित किया जाता है। हर पूर्णिमा पर शबद कीर्तन और हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर निशान साहब का चोला बदला जाता है, गुरुवाणी का पाठ होता है | 

बीकानेर का यह अनोखा मंदिर विभिन्न धर्मों के बीच सद्भाव का प्रतीक है। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी रखता है। यह मंदिर बीकानेर की समृद्ध विरासत का प्रतीक है।


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