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जनजातीय अस्मिता अस्तित्व और विकास कार्यक्रम: सीएम ने कहा- 'जनजातीय समाज सनातन संस्कृति का उद्गम है'

जनजातीय अस्मिता अस्तित्व और विकास कार्यक्रम: सीएम ने कहा- 'जनजातीय समाज सनातन संस्कृति का उद्गम है'

रायपुर:  पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में जनजातीय अस्मिता अस्तित्व और विकास कार्यक्रम आयोजित किया गया है. कार्यक्रम  में सीएम विष्णुदेव साय, मंत्री केदार कश्यप शामिल हुए हैं साथ ही कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग भी मौजूद हैं. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का संबोधन में कहा: 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंच से कहा "आज जनजातीय अस्मिता और विकास का एक दिवसीय संगोष्ठी कार्यक्रम है। 15 नवंबर जनजातीय दिवस रानी दुर्गावती की जयंती से लेकर बिरसा मुंडा की जयंती तक मनना है इसे लेकर रानी दुर्गावती की जयंती के पहले बैठक हुई उसमे हम भी शामिल थे और 40 दिन किस तरह जनजातीय महात्सव मनाया जाए इसपर चर्चा हुई। इस कार्यक्रम को शिक्षा विभाग ने बहुत अच्छे से चलाया। 

जशपुर में पदयात्रा का आयोजन किया गया था:

जशपुर में भी 10 किलोमीटर की पदयात्रा का आयोजन किया गया था केंद्रीय मंत्री भी पदयात्रा में शामिल हुए थे। बहुत ही भव्य पदयात्रा का आयोजन किया गया था, सभी जनजाति समाज के लोगो ने अपने अपने स्टोल भी लगाए थे। केंद्रीय मंत्री ने एक छोटी फ़िल्म बनाकर प्रधानमंत्री को भी दिखाई और प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि ये पदयात्रा महीने में 2 बार हो। इसके साथ ही 3 दिवसीय जनजातीय महात्सव का भी आयोजन हमने किया था। 

जनजातीय समाज मे सभी के नाम के पीछे राम लगा है:

देश के लगभग सभी राज्य के कलाकार उसमे आये थे। जनजातीय समाज मे सभी के नाम के पीछे राम लगा है , जनजातीय समाज सनातन संस्कृति का उद्गम है। जनजातीय समाज मे कई ऐसी परंपरा है जिससे दूसरे समाज को भी सीखना चाहिए। जनजाति समाज मे लड़की पैदा होने में ज्यादा खुशी मानते है। अटल बिहारी वाजपेयी ने जनजातीय समाज का विकास किया है। जनजाति समाज के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने अलग से मंत्रालय का गठन किया था। मोदी जी ने जनजातीय समाज का सम्मान बढ़ाया है। मोदी जी ने जनजातीय समाज के विकास के लिए कई योजनाएं बनाई है।


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