भोपाल। परिवहन विभाग की ओर से लर्निंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है। इसके तहत अब आवेदकों को टेस्ट व फोटो के लिए भी आरटीओ ऑफिस जाने की जरूरत नहीं रह गई। इस योजना के पीछे विभाग का उद्देश्य था कि आरटीओ में सक्रिय दलालों से लोगों को मुक्ति दिलाना था, लेकिन इससे दलाली और बढ़ गई है। दरअसल लर्निग लाइसेंस बनवाने के लिए होने वाले टेस्ट को कियोस्क संचालक ही पूरा कर रहे हैं।
इसके बदले में वह कई गुना तक आवेदकों से चार्ज ले रहे है। परिवहन विभागीय सूत्रों के अनुसार आरटीओ दलाल की जगह एमपी ऑनलाइन कियोस्क के संचालक लेने लगे हैं। नई व्यवस्था के तहत यह सोचा गया था कि लोग अपने मोबाइल या घर के कंप्यूटर से सीधे प्रक्रिया करेंगे। उन लोगों के बारे में नहीं सोचा गया, जो ठीक से मोबाइल नहीं चला पाते। ऐसे लोग एमपी आॅनलाइन या अन्य कियोस्क सेंटर जाकर यह काम करवा रहे हैं।
लाइसेंस के लिए पहले टेस्ट देना पड़ता है
लर्निंग लाइसेंस के लिए एक टेस्ट देना पड़ता है। इसमें 20 सवाल पूछे जाते हैं। पहले इसे आरटीओ ऑफिस में दिया जाता था। अब यह ऑनलाइन होने लगा है। इसमें कियोस्क संचालक लोगों को परीक्षा में पास कराने के नाम पर पैसा एंेठने लगे हैं। जो आवेदक खुद ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं कर पा रहे हैं, उनसे ओटीपी लेकर कियोस्क संचालक खुद टेस्ट दे देते हैं। इस तरह की लगातार शिकायतें भोपाल सहित प्रदेशभर के आरटीओ में सामने आ रही है। इस तरह सामने आया मामला परिवहन विभागीय सूत्रों के अनुसार टेस्ट के नाम पर चल रहा गड़बड़झाला को लेकर विगत दिनों कुछ महिला आवेदकों ने लिखित शिकायती आवेदन दिया है, जिसमें एमपी नगर स्थित कुछ कियोस्क संचालक द्वारा लर्निंग लाइसेंस बनवाने के नाम पर अधिक पैसे लिए गए।
हमारे पास शिकायत नहीं आई
लर्निंग लाइसेंस टेस्ट को लेकर मेरे पास कोई शिकायत नहीं आई है। अगर कोई कियोस्क संचालक अधिक चार्ज लेता है। ऐसी कोई शिकायत आने पर नियम अनुसार करवाई की जाएगी।
जितेंद्र शर्मा, आरटीओ भोपाल