Sharadiya Navratri 2024: आज नवरात्री का तीसरा दिन है, नवरात्र के तीसरे दिन माता दुर्गा के तीसरे रूप, माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। माता चंद्रघंटा की मूर्ति को सुनहरे रंग में प्रदर्शित किया जाता है, और उनके सिर पर एक चाँद के आकार की घंटी होती है, जिसके कारण उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा।
माता चंद्रघंटा का स्वरूप:
Sharadiya Navratri 2024: रूप: माता चंद्रघंटा का स्वरूप शांत और सौम्य है। वे तीन आंखों वाली हैं और उनके चार हाथ होते हैं। वे एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में कमल, तीसरे में कटारी और चौथे में घंटे का ध्वज धारण करती हैं।
सवारी: माता चंद्रघंटा की सवारी एक बाघ या सिंह होती है, जो उनकी शक्ति और साहस का प्रतीक है।
महत्व:
Sharadiya Navratri 2024: शक्ति: माता चंद्रघंटा भक्तों को मानसिक शांति और साहस प्रदान करती हैं। वे अज्ञानता और मानसिक तनाव को दूर करने में मदद करती हैं।
आध्यात्मिक ऊर्जा: इस दिन देवी की आराधना से भक्तों में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार होता है।
पूजा विधि:
स्नान और शुद्धि: सुबह जल्दी स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
पुजन सामग्री: लाल फूल, फल, मिठाई, घी, दीपक और incense sticks इत्यादि का प्रयोग करें।
मंत्र का जाप: माता चंद्रघंटा के लिए "ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः" का जाप करें।
आरती और भोग: पूजा के बाद माता की आरती करें और उन्हें भोग अर्पित करें।
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विशेष बातें:
इस दिन व्रति भक्तों को उपवास रखने की परंपरा है।
विशेष रूप से इस दिन माँ की पूजा में भक्ति और श्रद्धा के साथ ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है।
माता चंद्रघंटा की आराधना के लिए निम्नलिखित मंत्र का जाप किया जाता है:
चंद्रघंटा मंत्र:
ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः
अन्य मंत्र:
इसके अलावा, आप इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं:
ॐ ह्लीं चंद्रघंटायै नमः
पूजा के लाभ:
इन मंत्रों का जाप करते समय ध्यान केंद्रित करें और अपने मन में सकारात्मक भावनाएँ रखें। माता चंद्रघंटा की कृपा से आपको मानसिक शांति, साहस और शक्ति प्राप्त होगी।
ध्यान रखें:
मंत्र का जाप 108 बार करने का प्रयास करें।
अपने मन में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता को न रखें और सिर्फ सकारात्मकता पर ध्यान केंद्रित करें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। inh 24x7 न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है।