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Tikamgarh News :10 किमी दूर से भी होंगे भगवान भोलेनाथ के दर्शन सदाशिव प्रतिमा का सीएम ने किया ‘लोकार्पण’

Tikamgarh News :10 किमी दूर से भी होंगे भगवान भोलेनाथ के दर्शन सदाशिव प्रतिमा का सीएम ने किया ‘लोकार्पण’

टीकमगढ़। जिले की लिधौरा तहसील के ग्राम छिपरी में जो कि रावतपुरा सरकार महाराज का गृह ग्राम भी है, वहां करीब 100 फीट ऊंची पहाड़ी पर 61 फीट ऊंची शिव प्रतिमा बनाई गई है। जिसका लोकर्पण शुक्रवार किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुखिया सहित केंद्रीय मंत्रियों ने भी शिरकत की। यहां स्थापित की गई शिव प्रतिमा में 45 टन सरिया लगा है। यह अपनी ऊंचाई के कारण 10 किलोमीटर दूर से ही लोगों को नजर आएगी। प्रतिमा निर्माण के पहले लगभग 8 वर्ष पूर्व से ही इस पहाड़ी पर पौधे लगाए जा रहे हैं। जिसके चलते पूरी पहाड़ी हरी-भरी दिखने लगी है। शुक्रवार को प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस प्रतिमा का लोकार्पण किया। छिपरी संत श्री रविशंकर महाराज यानी रावतपुरा सरकार की जन्मस्थली भी है।

 अब तक इस गांव को लोग इसी वजह से जानते हैं लेकिन अब मां शारदा पहाड़ी को पर्यटन क्षेत्र के रूप में पहचान मिलेगी। इसी उद्देश्य को लेकर संत श्री रविशंकर महाराज ने करीब ढाई साल पहले शिव प्रतिमा का निर्माण शुरू कराया था। इसे ध्यान मुद्रा में सदाशिव रूप में बनाया गया है। जहां ध्यान केंद्र, गेस्ट हाउस और संत निवास भी बनाया जाएगा। यहां 61 फीट ऊंची शिव प्रतिमा तैयार होने के बाद अब पहाड़ी पर मां शारदा का मंदिर बनाया जाना है। 

डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की वर्ष 2024-25 की प्रथम किस्त की राशि 1630 करोड़ का सिंगल क्लिक से अंतरण किया।  यादव द्वारा लाड़ली बहना योजना की जुलाई 2024 की राशि और पीएम उज्ज्वला योजना के एलपीजी गैस कनेक्शन धारी उपभोक्ताओं व गैर पीएम उज्ज्वला योजना श्रेणी में पात्र लाड़ली बहनों को मार्च 2024 के लिए देय गैस रिफिल अनुदान राशि का अंतरण भी किया।

 इस तरह सीएम ने यहां चार बड़ी योजनाओं के 2.89 करोड़ हितग्राहियों के बैंक खाते में साढ़े तीन हजार करोड़ से अधिक की राशि अंतरित की।सीएम के अलावा शिव प्रतिमा के लोकार्पण कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, प्रह्लाद पटेल और जतारा विधायक हरिशंकर खटीक मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। मां शारदा पहाड़ी को धार्मिक, आध्यात्मिक और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर विकसित किया जा रहा है।

8 साल पहले हुआ था सामाजिक महाकुंभ

यहां मां शारदा पहाड़ी पर पिछले 8 वर्ष पहले सामाजिक महाकुंभ का आयोजन रविशंकर महाराज के द्वारा किया गया था। इसके बाद यहां पर करीब 2 लाख पेड़ लगाए जा चुके हैं। हर साल बारिश के मौसम में 10 से 12 हजार पेड़ लगाए जा रहे हैं। उस दौरान पूरी पहाड़ी बंजर व वीरान थी। धार्मिक समारोह के बाद उन्होंने पहाड़ी पर पौधरोपण शुरू कराया। हर साल उनके जन्म दिवस पर 5 जुलाई को हजारों की संख्या में पौधे लगाए जाते हैं। पहाड़ी के चारों ओर पीपल, बरगद, जामुन,कंजी, पलाश, आम, मौलश्री, अमलताश, महुआ, चिरौल सहित कई प्रजाति के पौधे रोपित कर यहां जंगल के समान लुक दिया गया है। 

आश्रम का नाम महर्षि वाल्मीकि भवन

पहाड़ी पर बने रविशंकर महाराज के आश्रम का नाम महर्षि वाल्मीकि भवन रखा गया है। संतों के लिए बनाई गई बिल्डिंग का नाम संत रविदास भवन और पर्यटकों के लिए बने गेस्ट हाउस को निषाद राज भवन नाम दिया गया है। इसके अलावा देवी अहिल्या बाई भवन भी बनाया गया है।

छिपरी का नाम होगा मातृ धाम

मुख्यमंत्री ने जतारा के विधायक हरिशंकर खटीक की मांग पर छिपरी ग्राम का नाम बदलकर मातृ धाम करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मातृ धाम में पर्यटन सहित उद्योग धंधे स्थापित करने के भी प्रयास किए जाएंगे। जो लोग उद्योग स्थापित करेंगे उन्हें सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।उन्होंने बताया कि संत शिरोमणि पंडित रवि शंकर जी महाराज रावतपुरा सरकार सामाजिक समरसता की मिसाल है। उन्होंने मानवता की सेवा के लिए छिपरी धाम बनाया है, जो उल्लेखनीय है। छिपरी को मातृ धाम का नाम देने के पीछे जो उद्देश्य है, वह मां की महिमा पर आधारित है। भारत देश में जो संस्कार हमें मिले हैं, उसमें मां को सर्वाेपरि माना गया है। 

प्रतिमा निर्माण में करीब 2 करोड़ रु. खर्च हुए

यहां छिपरी में करीब ढाई साल पहले राजस्थान के मूर्तिकार चंदूलाल वर्मा और शीशराम ने टीम के साथ प्रतिमा का निर्माण शुरू किया था। मूर्तिकार चंदूलाल ने बताया कि अब तक दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित देश के कई हिस्सों में बड़ी-बड़ी प्रतिमाओं का निर्माण कर चुके हैं। इसके पहले रावतपुरा धाम में शिव प्रतिमा बनाई थी। मूर्तिकार ने बताया कि 8 फीट नीचे खुदाई के बाद 11 फीट ऊंचा चबूतरा बनाया गया। चबूतरे के ऊपर 61 फीट ऊंची शिव प्रतिमा है। त्रिशूल की लंबाई मिलकर प्रतिमा की ऊंचाई 70 फीट से ज्यादा है। इस प्रतिमा के निर्माण में करीब 2 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। छिपरी में बनाई गई यह 61 फीट ऊंची शिव प्रतिमा बुंदेलखंड की सबसे ऊंची मूर्ति बन गई है। सबसे ऊंची इसलिए क्योंकि प्रतिमा का निर्माण करीब 100 फीट ऊंची पहाड़ी पर हुआ है। जिसके चलते धरातल से कुल ऊंचाई 161 फिट हो गई है। इसके पहले जैन तीर्थ स्थल पपौरा में भगवान आदिनाथ की 41 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई जा चुकी है। प्रतिमा का निर्माण वर्ष 2017 में राजस्थान के मकराना में हुआ था। यह काले पत्थर से बनी है।


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