Bhopal Saurabh Sharma Raid: मध्यप्रदेश परिवहन विभाग की अहम कड़ी पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के वकील के एक बयान ने अफसरशाही और नेताओं में खलबली मचा दी है। सुरक्षा मिलने पर सौरभ के कई बड़े नामों का खुलासा करने का स्टेटमेंट सामने आते ही गड़बड़ी का हिस्सा रहे लोगों को नाम उजागर होने का डर सताने लगा है। सिंडिकेट की चिंता इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि केंद्रीय एजेंसियां सौरभ से जुड़े लोगों को एक-एक कर जांच की जद में ले रही है। ग्वालियर में पूर्व सब रजिस्ट्रार और भोपाल में कैसर विशेषज्ञ डॉ श्याम अग्रवाल पर दबिश से इसकी पुष्टि हो रही हैं। अब कयास लगाए जाने लगे हैं कि अगला नंबर किसका होगा।
सौरभ केवल छोटा सा आरोपी
लोकायुक्त और फिर केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी के बाद सौरभ की मां ने उसकी जान को खतरा बताया था। अब यही बात सौरभ के वकील सूर्यकांत बुझाड़े ने दोहराई है। सौरभ और उसके परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि इस मामले में वो आरोपी है और जांच में मदद करना चाहते हैं। लेकिन, सहयोग तभी कर पाएंगे जब सुरक्षित महसूस करेंगे। अधिवक्ता ने कहा कि ये मामला हम जितना समझ रहे हैं, उससे कहीं बड़ा है। यह पुराना सिंडिकेट है। सौरभ तो केवल छोटा सा आरोपी है। उसके सिर पर केस मढ़ दिया गया है। बरामद रकम और सोना सब कुछ ब्यूरोक्रेट्स व नेताओं का है।
अस्पताल में लगाई काली कमाई?
भ्रष्टाचार के जरिए कमाया काला धन सौरभ शर्मा ने जिन लोगों के जरिए निवेश किया, अब उनकी धरपकड़ की जा रही है। इसकी शुरुआत ग्वालियर में पूर्व सब रजिस्ट्रार केके अरोरा और भोपाल में डॉ श्याम अग्रवाल व सौरभ की मौसेरी बहन के निवास से की गई। अरोरा, सौरभ के रिश्तेदार विनय हासवानी का बिजनेस पार्टनर है। बताया जा रहा है जिस फार्म हाउस से 52 किलो सोना और 10 किलो कैश बरामद किया गया था, वो हासवानी का ही था। इधर, भोपाल में डॉ अग्रवाल के नवोदय कैसर अस्पताल, इंद्रपुरी बी सेक्टर स्थित निवास समेत चार स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को दबिश दी थी। सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई शनिवार को भी जारी रही। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सौरभ शर्मा की काली कमाई डॉ अग्रवाल के एमपी नगर स्थित नवोदय कैंसर अस्पताल में लगाई जा रही थी। अस्पताल व घर से लेन- देन के कुछ दस्तावेज भी ईडी ने जब्त किए हैं।
सौरभ का नहीं अता-पता
लोकायुक्त पुलिस ने पिछले साल 19 दिसंबर को सौरभ शर्मा के अरेरा कॉलोनी स्थित घर समेत अन्य ठिकानों पर छापा मारा था। तब सौरभ को मुंबई में होना बताया जा रहा था। छापेमारी के कुछ घंटों बाद ही 19-20 दिसंबर की दरमियानी रात आयकर विभाग ने मंडोरी के जंगल से एक गाड़ी में लदा 52 किलो सोना और दस करोड़ कैश जब्त किया था। जिसे सौरभ शर्मा का बताया गया। इस घटना को लगभग एक महीना बीत चुका है, लेकिन कोई भी जांच एजेंसी उसे पकड़ने में कामयाब नहीं हो पाई है।
क्या दुबई में है सौरभ?
ऐसा कहा जाता रहा कि सौरभ परिवार के साथ दुबई में है। ऐसे में केंद्रीय एजेंसियों ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का आवेदन किया ताकि किसी भी एयरपोर्ट या बंदरगाह पर उतरते ही उसे पकड़ लिया जाए। दूसरी ओर वो कभी कोर्ट में जमानती आवदेन लगा रहा है तो कभी वकील के जरिए सुरक्षा मुहैया कराने की मांग कर रहा है। इससे जाहिर है कि संचार के किसी अन्य साधन के जरिए भोपाल व प्रदेश में विभिन्न लोगों से लगातार संपर्क कर रहा है।