होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
जरा हटके
सेहत
अध्यात्म
फैशन/लाइफ स्टाइल

 

35 साल पहले चंदा करके ग्रामीणों ने बनवाया था स्कूल, जर्जर भवन और शिक्षकों की मांग को लेकर स्कूल में जड़ा ताला, मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी

35 साल पहले चंदा करके ग्रामीणों ने बनवाया था स्कूल, जर्जर भवन और शिक्षकों की मांग को लेकर स्कूल में जड़ा ताला, मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी

बालोद। जिले के ग्राम पीपरछेड़ी में स्थित प्राथमिक स्कूल, मिडिल स्कूल व हाई स्कूल के लिए पर्याप्त स्कूल भवन नहीं होने और शिक्षकों के कुल 13 पद खाली होने से नाराज स्कूली बच्चे और ग्रामीणों ने स्कूल के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन कर शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।

स्कूल भवन और शिक्षकों का अभाव 
मामले की जानकारी लगते ही डिप्टी कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे जहां ग्रामीणों की मांग पर तत्काल दो शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था की गई वहीं नए स्कूल भवन निर्माण को लेकर डिप्टी कलेक्टर ने शासन को प्रस्ताव भेजने की बात कही है। आपको बता दें कि स्कूल भवन के अभाव में और शिक्षकों की कमी के चलते पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकार में है जिसे लेकर पालकों ने कई बार शिक्षा विभाग से लेकर कलेक्टर तक शिकायत किए थे लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा ध्यान नहीं दिया गया जिसके चलते आज सैंकड़ो स्कूली बच्चे और ग्रामीणों ने छः घंटे तक स्कूल के बाहर ताला जड़ कर धरना दिया था।

35 साल पूर्व चंदा करके बनाया था स्कूल
भागीरथी साहू शाला प्रबंधन समिति प्राथमिक शाला पीपरछेड़ी की माने तो गांव में हाई स्कूल खुले 35 साल हो चुका है. वर्तमान की स्थिति में हाई स्कूल के लिए कोई भी भवन नही है। गांव वालों ने मिलकर चंदा करके भवन बनाया था। आज वह टूट गया है। हाई स्कूल के लिए एक भी भवन नही है। वर्त्तमान में आचार संहिता के पहले भी भवन की मांग कर चुके है। पूर्ववर्ती बघेल सरकार के समय हमे आश्वस्त किया गया था। शाला भवन के लिए पैसे भी आ गए थे। टेंडर भी पास हो चुका था लेकिन जैसे ही सरकार बदली काम मे भी रोक लग गई जिस वहज से आज भी 35 साल से स्कूल भवन नहीं है जिसके चलते आज स्कूल में ताला बन्दी कर विरोध किया गया। 

रिटायरमेंट के बाद भी करा रहे पढ़ाई 
रामेश्वरी कक्षा 12वीं की छात्रा ने बताया कि हमारी मांग है कि हाई स्कूल के लिए कोई भी भवन नही है। संस्कृतिक भवन और पुस्तकालय में बैठ के पढ़ाई करते है। टीचरों की कमी है न स्कूल में शौचालय है न कुछ. कक्षाए हमारी 8 होती है और सब्जेक्ट भी बहुत ज्यादा हो जाते है। सब्जेक्ट के हिसाब से टीचर नही है। पढ़ाई में काफी दिक्कत होति है। स्कूल में तालाबन्दी की तो शासन से सिर्फ दो टीचर देने की बात कही गई है। हमारी समस्याओं का निराकरण नही हो पाया है क्योंकि हमारे मैथ  के टीचर का रिटायरमेंट हो चुका है। हमे समस्या न हो करके हमारे टीचर रिटायरमेंट के बाद भी हमे पढ़ा रहे है। पढ़ाई में काफी दिक्कत हो रही है। सरकार और प्रशासन को हमारी मदद करनी चाहिए ताकि हमारा भविष्य अंधकार में मत जाए। 

मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी 
उपसरपंच खेमराज पूरी गोस्वामी की माने तो उन्होंने बताया कि हमारे यहाँ 1984 से हाईस्कूल खुला है लेकिन आज भी बिना भवन के बच्चे पढ़ाई कर रहे है। हम गांव वालों ने चंदा करके भवन बनाया था लेकिन जर्जर होने के चलते वह भी टूट गया। कई बार सभी पार्टियों के नेताओं से जाकर अपनी समस्याओं से अवगत करा चुके है रायपुर तक जा चुके है। इसके अलावा हमारे स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए 13 शिक्षकों के पद खाली है यदि दिवाली तक हमारी समस्याओं को प्रशासन नही सुलझा पाई तो फिर से सभी ग्रामीणों से चर्चा कर उग्र आन्दोलन करेंगे क्योंकि बच्चों के भविष्य की बात है।

जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास मार्कले की माने तो उन्होंने बताया कि स्कूल के टीचरों की समस्याएं रहती है वहाँ व्यवस्था की जाती है यहाँ भी वैकल्पिक व्यवस्था बगल के स्कूल से की गई है। 

एसडीएम बालोद प्रतिमा ठाकरे झा की माने तो दो टीचरों की व्यवस्था की गई है। स्कूल भवन की समस्या है, उसके लिए प्रपोजल शासन स्तर पर जिला प्रसासन से भेजा गया है। पुनः रिमाइंडर भेजा जाएगा ताकि जल्द भवन बन सके। 


संबंधित समाचार