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हाईकोर्ट के निर्देश पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन की टीम को करना पड़ा ग्रामीणों के विरोध का सामना

हाईकोर्ट के निर्देश पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन की टीम को करना पड़ा ग्रामीणों के विरोध का सामना

रिपोर्टर - आकाश सिंह पवार 
पेंड्रा :
पेंड्रा में एक अवमानना के मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुये शासन को सड़क मद की शासकीय भूमि पर आगामी 21 अक्टूबर तक अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है। जिसका पालन कराने प्रशासन की टीम दल बल के साथ पेंड्रा के अमरपुर ग्राम पंचायत पहुँची जहाँ प्रशासन की टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा.

शासकीय भूमि में लोगों ने अतिक्रमण 
बसंतपुर से अमरपुर और पेंड्रा के बीच जो सड़क बनायी गयी है उसमें सड़क मद की शासकीय भूमि में लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है जिसका खसरा क्रमांक 48 और 54 है। इतना ही नहीं कुछ निजी लोगों की जमीन पर सड़क बना दी गयी है। इस मामले में स्थानीय निवासी मनीष पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी जिस पर सुनवाई करते हुये विगत फरवरी 2024 में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 6 महीने के भीतर प्रकरण का विधिवत निराकरण करने का निर्देश दिया था।

प्रशासन को करना पड़ा विरोध का सामना 
यह अवधि बीत जाने के बाद भी जब अतिक्रमण हटाने की कोई पहल नहीं हुयी तो एडवोकेट अच्युत तिवारी के माध्यम से अवमानना याचिका दायर किया गया था जिसमें जिले की कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार पेंड्रा को पक्षकार बनाया गया। इस पर जस्टिस एन के व्यास ने सुनवाई करते हुये शासन को हर हाल में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश देते हुये अंतिम अवसर प्रदान किया गया है। जिसके पालन में आज सुबह से ही एसडीएम, तहसीलदार सहित पुलिस बल पहुँचा। जिसे ग्रामीणों के गुस्सा और विरोध का सामना करना पड़ा। 

आत्महत्या करने की धमकी 
ग्रामीणों का कहना है कि वह यहाँ सालों से रह रहे हैं ग्रामीणों के द्वारा पट्टा का नियमतः आवेदन भी किया गया पर प्रशासनिक लापरवाही के कारण आज उन्हें बेघर होना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने चेतावनी भी दी है कि प्रशासन अतिक्रमण के नाम पर एक ईंट भी गिराता है तो परिवार आत्महत्या कर लेगा। वही मामले को बढ़ता देख अमरपुर ग्राम पंचायत ने आनन फानन में ग्रामीणों की बैठक बुलाई है तो वही अतिक्रमण हटाने की रिपोर्ट लेकर एसडीएम अमित बेक को हाइकोर्ट में पेश करना होगा .

 


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