रिपोर्टर - जितेन्द्र सोनी
जशपुर। जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखण्ड में ऐसा स्कूल है जहां छात्र छात्राएं स्कूल भवन के अभाव में रसोई घर में बैठकर पढ़ाई करते हैं और यह सिलसिला पिछले 2 वर्षों से चल रहा है। इस दौरान स्कूल की न तो मरम्मत की गई है और न ही नए स्कूल भवन का निर्माण किया गया। यही कारण है कि स्कूली बच्चे ठण्ड हो या बरसात, धूप हो या गर्मी, रसोई घर में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
स्कूली छात्रा
प्लास्टर गिरने से कई बार आई चोंट
पूरा मामला पत्थलगांव विकासखण्ड के ग्राम पंचायत खरकट्टा का है जहां के पंडरीपानी मोहल्ले में संचालित शासकीय प्राथमिक विद्यायल भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और भवन का छत टूट टूटकर गिरने लगा है. कई बार स्कूली बच्चे और शिक्षकों के ऊपर छत का प्लास्टर टूटकर गिरा है जिससे उन्हें चोट भी लगी है जिसके बाद शिक्षकों ने गांव में ही किराए का घर लेकर स्कूल संचालित करने का निर्णय लिया। कुछ महीने तक किराए के भवन में स्कूल संचालित करने के बाद मकान मालिक ने स्कूल चलाने के लिए अपना घर देने से मना कर दिया जिसके बाद शिक्षकों ने स्कूल भवन के बाहर बने रसोई कक्ष की मरम्मत कर उसमें स्कूल संचालित करने का निर्णय लिया।
धनमती पोर्ते, प्रधान पाठिका
छात्र छात्राओं ने मुख्यमंत्री को लगाई गुहार
इस दौरान स्कूल भवन के नव निर्माण के लिए भी शिक्षा विभाग को पत्राचार किया गया लेकिन आज पर्यंत तक स्कूली बच्चों को एक अदद स्कूल भवन नहीं मिल पाया। चूंकि जशपुर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का गृह जिला है जिसके कारण गांव के लोगों, स्कूली छात्र छात्राओं और शिक्षकों ने स्कूल भवन निर्माण के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है।
शासन को पत्र लिखा है - डीईओ पीके भटनागर
वहीं इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी पीके भटनागर ने बताया कि उनके द्वारा खरकट्टा के प्राथमिक विद्यालय के अलावा अन्य स्कूलों के जर्जर होने की जानकारी है और उन्होंने नए स्कूल भवन निर्माण के लिए शासन को पत्र लिखा है. जैसे ही शासन से नए स्कूल भवन निर्माण की स्वीकृति मिलती है उनके द्वारा स्कूल निर्माण कार्य शुरु कर दिया जाएगा। फिलहाल जशपुर, मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के कारण यहां के लोगों की उम्मीदें भी उनसे काफी ज्यादा हैं।
पीके भटनागर, जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर