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इन मौकों पर गंगा स्नान करने से मिलेंगे विशेष फल, साल में कितनी बार करें गंगा स्नान पढ़ें पूरी खबर

इन मौकों पर गंगा स्नान करने से मिलेंगे विशेष फल, साल में कितनी बार करें गंगा स्नान पढ़ें पूरी खबर

रायपुर : हिन्दू धर्म में गंगा को पवित्रता का स्थान प्राप्त है। शास्त्रों के अनुसार गंगा को मां का दर्जा दिया गया है।  यह माना जाता है कि गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप ख़त्म हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि सबसे बड़ा मेला भारत में गंगा के किनारे ही लगता है जहां करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं। गंगा स्नान से मान्यता है की सारे बुरे कर्मों और पापों को गंगा अपने प्रभाव से धो देती हैं और सनातन में इसका प्रमाण भी है। आइये जानते हैं साल में कितनी बार गंगा स्नान करना चाहिए। 

 गंगा में स्नान होती है मोक्ष की प्राप्ति

हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित महाराज चक्रपाणी ने हमें बताया कि हनीदू धर्म में गंगा को मां का दर्जा मिला हुआ है। शास्त्रों में मां गंगा को सबसे पवित्र माना गया है इसलिए गंगा में स्नान करने से सभी पाप धूल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।  शास्त्रों के अनुसार गंगा में स्नान करने से हर प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। यहां स्नान करने मात्र से व्यक्ति को शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टि से  विशेष लाभ होता है।

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सप्ताह में या महीने में कैसे करें स्नान 

पंडित महाराज चक्रपाणी जी बताते हैं कि शास्त्रों में गंगा में स्नान करने के लिए कोई निश्चित समय का वर्णन नहीं है।  गंगा में आप रोजाना स्नान कर सकते हैं इससे आपको हमेशा लाभ ही प्राप्त होगा। यदि व्यक्ति एक दिन बाद भी स्नान करता है तब भी उसे लाभ प्राप्त होता है।  यदि  सप्ताह में एक बार गंगा स्नान करें, तो भी उसे विशेष फल की प्राप्ति होती है। महीने में एक बार गंगा स्नान करने से भी व्यक्ति को लाभ प्राप्त होता है।  यदि कोई व्यक्ति दूर है और कार्य में व्यस्त है तो उसके द्वारा श्रद्धा भक्ति भाव से यदि 6 महीने या साल में गंगा स्नान किया जाय तो पुण्य फल की प्राप्ति होती है। 

इन मौकों पर गंगा स्नान बहुत ही शुभ 

पंडित महाराज चक्रपाणी के अनुसार विशेष पर्वों पर गंगा में स्नान करने से  भी बढ़ जाता है। यदि शास्त्रों में बताये गए अवसरों पर श्रद्धा भक्ति भाव से गंगा स्नान किया जाय तो सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं।  जन्मों जन्मांतर के सभी पाप ख़त्म हो जाते  हैं। पंचांग के अनुसार सालभर में आने वाली सभी अमावस्या, सभी पूर्णिमा , सभी संक्रांति , सभी एकादशी , चादर ग्रहण, सुर्यग्रहण , गंगा दशहरा , गंगा सप्तमी जैसे मौकों पर गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। 


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