Supreme Court: कल खेल में हम हो ना हो, गर्दिश में तारे रहेंगे,' सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज एमआर शाह (Mukesh Shah) ने सोमवार को राज कपूर की 1970 की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'मेरा नाम जोकर' की पंक्ति को पढ़ते हुए शाह की आंखों में सोमवार को आंसू आ गए। वह आखिरी बार मुख्य न्यायधीश के साथ बेंच में बैठे। आज वह रिटायर हो रहे हैं। इस दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ (Dhananjaya Y. Chandrachud) और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने कहा कि एमआर शाह के साथ संविधान पीठ में बैठना बहुत ही खुशी की बात थी।
जस्टिस एमआर शाह ने विदाई के दौरान क्या बोला:
जस्टिस शाह ने विदाई भाषण के शुरूआती शब्दों को दौरान कहा कि अगर मैं रोना शुरू कर दूं तो कृपया मुझे माफ कर दें और बोले कि मुझे नहीं पता कि मैं इसके लायक हूं या नहीं, लेकिन मैं इस विदाई को एक गिफ्ट के तौर पर स्वीकार करता हूं। जस्टिस शाह ने कहा कि मुझे याद है जिस दिन मैं इस संस्थान में आया था, मेरे लिए सब कुछ नया था, नया माहौल, नई प्रक्रिया, सब कुछ हाई कोर्ट से बिल्कुल ही अलग था। फिर भी आप सभी लोगों ने मुझे एक परिवार के रूप में स्वीकार किया और बेहद सम्मान व प्यार दिया। इसको मैं आजीवन याद रखूंगा। साथ ही, शाह ने मुख्य न्यायधीश डी वाई चंद्रचूड़ का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोविड-19 जैसी गंभीर महामारी के दौरान भी पीठ साझा की और उन्होंने मेरे साथ बिल्कुल भाई की बर्ताव किया। मैने सीजेआई से बहुत कुछ सीखा है।
जस्टिस शाह सबसे ज्यादा निर्णय देने वालों में शामिल:
कई फैसले देने वालों में शुमार जस्टिस एमआर शाह का नाम सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सबसे ज्यादा निर्णय देने वालों में शामिल है। उन्होंने करीब 4 साल में तकरीबन 712 फैसले दिए हैं। वो हाल के कुछ दिनों पहले सुनाए गए दिल्ली सरकार बनाम एलजी और शिवसेना के विवाद के मामलों के फैसलों वाली बेंच में भी शामिल थे।
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