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शिवराज सिंह चौहान : केन्द्र में जाते ही अपने पहले मिशन में फेल हुए शिवराज!

शिवराज सिंह चौहान : केन्द्र में जाते ही अपने पहले मिशन में फेल हुए शिवराज!

शिवराज सिंह चौहान : मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और मोदी सरकार में केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान केन्द्र में पहली बार मंत्री बनने और केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार मिली जिम्मेदारी में फेल हो गए। बीजेपी ने शिवराज सिंह को झारखंड की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन झारखंड मिशन में उनके सारे दांव पेंश फेल हो गए। 

शिवराज सिंह ने झारखंड में अपनी पूरी ताकत झौंक दी थी। इतना ही नहीं बुधनी में भी वे लगातार सक्रिय रहे, लेकिन बुधनी में भी भाजपा का वोट प्रतिशत काफी हद तक गिर गया। झारखंड में शिवराज सिंह ने कई दाव पेंश खेले, लाडली बहना योजना को लेकर महिलाओं ​को रिझाने की कोशिश की, कांग्रेस और स्थानीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा पर जमकर बरसे, लेकिन वे अपना करिश्मा नहीं दिखा सके। शिवराज अपने पहले ही मिशन में नाकाम साबित हुए। 

शिव-बिस्वा की जोड़ी फेल

झारखंड विधानसभा चुनाव की कमान बीजेपी ने केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह और असम के मुख्यमंत्री सीएम हिमंता बिस्वा को दी थी। दोनों को चुनाव प्रभारी बनाया गया था। दोनों ने प्रदेश की लगभग सभी सीटों पर जनसभाएं की, लेकिन दोनों की जोड़ी चुनाव परिणाम में फेल हो गई। परिणाम को देखा जाए तो शिवराज सिंह का सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूला फेल रहा। प्रदेश में भाजपा 25 सीटों पर ही ढ़ेर हो गई। शिवराज सिंह ने बीते मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत की छवि बनाई थी वो अब झारखंड में मिली हार से फीकी पड़ गई। झारखंड की हार शिवराज सिंह को झटके के तौर पर देखी जा रही है। 

मामा का मैजिक फेल!

झारखंड की हार के बाद से शिवराज सिंह को लेकर कई सवाल उठने लगे है। क्योंकि एक तो झारखंड में भाजपा की हार और शिवराज के ही गढ़ में बीजेपी को जीत का संघर्ष करना पड़ा रहा है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि शिवराज सिंह का मामा मैजिक केवल और केवल एमपी तक ही सीमित रह गया है, उनका मामा मैजिक अन्य प्रदेशों में नहीं चलता। 


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