Marriage Time 2024 : चार माह बाद देवउठनी एकादशी के साथ ही एक बार फिर से शादी-विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्यों की शरुआत होगी। शहर की सड़कों पर बैंड-बाजा और बारात की रौनक दिखाई देगी। शादी-विवाह के लिए शहर के मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल व कई होटल-रिसोर्ट अभी से बुक हो चुके हैं।
केवल 19 मुहूर्त
16 नवंबर से विवाह का पहला मुहुर्त रहेगा। हालांकि इस साल मात्र 19 मुहुर्त होने से इन दिनों में बड़ी संख्या में शादी-विवाह कार्यक्रम संपन्न होंगे। एक अनुमान के हिसाब से भोपाल में करीब 5 हजार से अधिक विवाह होने की उम्मीद है।
खरीदी रहेगी लाभकारी
मां चामुंडा दरबार भोपाल पुजारी रामजीवन दुबे ने बताया कि देवशयनी एकादशी के बाद यानी 15 जुलाई से मांगलिक कार्यों पर रोक लगी थी। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी पर 11 नवंबर तक देवशयन दोष है। इसके बाद एकादशी पर 12 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी (देवउठनी) पर विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू होंगे। अबूझ मुहूर्त देवउठनी ग्यारस पर भूमि, भवन की खरीदी करना लाभकारी होगा। भूमि, भवन की खरीद-फरोख्त के लिहाज से समृद्धि कारक माना जा रहा है।
16 नवंबर से शुरू मुहूर्त
छोटी दीपावली यानी देवउठनी एकादशी पर इस बार देवों के उठने के बाद से शादियां शुरू होगी। हालांकि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान सालिगराम व तुलसी का विवाह हुआ था, इसलिए शास्त्रों के अनुसार अबूझ मुहूर्त में शादियां होंगी। देवउठनी एकादशी को स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना जाता है, इसलिए उस दिन मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती। देव मुहूर्त और अबूझ मुहूर्त होने के कारण विवाह करने में कोई हर्ज नहीं है। हालांकि इसके बाद 16 नवंबर से शुभ विवाह के मुहूर्त शुरू होंगे।