Congress के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोरात (Balasaheb Thorat) ने अपनी नाराजगी के चलते विधानसभा के CLP पद से इस्तीफा दे दिया है. इसकी वजह शायद नासिक विधान परिषद चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और बालासाहेब थोरात के बीच अनबन देखने को मिली थी. नाना पटोले को लेकर कांग्रेस हाईकमान को पत्र लिखकर नाराजगी भी व्यक्त की थी.
पत्र लिखकर दिया इस्तीफा:
बालासाहेब थोरात ने पत्र में मल्लिकार्जुन खरगे से कहा कि वह नाना पटोले (ana Patole) के साथ काम नहीं कर सकते, इसका कारण ब्तात्ये हुए उन्होंने बताया कि वो हाल ही में हुए नासिक विधान परिषद के चुनाव के सिलसिले में पार्टी के भीतर हुई राजनीति से परेशान थे. इस चुनाव में सत्यजीत ताम्बे निर्दलीय लड़े थे और जीते भी थे उन्होंने तब कांग्रेस पर उनके परिवार और थोरात को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया था.
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'गलतफहमी के लिए पटोले जिम्मेदार हैं':
बालासाहेब थोरात ने पत्र में आगे लिखा कि नाना पटोले मेरे से गुस्सा हैं ऐसे में उनके साथ पार्टी में रहकर काम करना संभव नहीं है. लेकिन चुनाव के दौरान हुए भ्रम और गलतफहमी के लिए अकेले पटोले जिम्मेदार हैं.
इस्तीफे की कोई जानकारी नहीं: पटोले
बालासाहेब थोरात के इस्तीफा पर प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस्तीफे की कोई जानकारी नहीं है. और कोई पत्र भी नहीं पंहुचा है. वह हमारे नेता हैं, वह कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं.
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