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RGPV College Case : तत्कालीन कुलपति, कुलसचिव समेत तीन पर इनाम घोषित, पूर्व कुलपति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

RGPV College Case : तत्कालीन कुलपति, कुलसचिव समेत तीन पर इनाम घोषित, पूर्व कुलपति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

भोपाल। गांधी नगर पुलिस ने आरजीपीव के कुलसचिव डॉ. मोहन सेन की रिपोर्ट पर तत्कालीन कुलपति सुनील कुमार गुप्ता, कुलसचिव आरएस राजपूत, वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा के साथ कुमार मयंक और दलित संघ सोहागपुर समेत अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था। 
आरोपियों पर विश्वविद्यालय की 19.48 करोड़ रुपए की राशि निजी खातों में ट्रांसफर किए जाने के आरोप थे। आरोपी सुनील कुमार, आरएस राजपूत और ऋषिकेश वर्मा के निवास स्थान और अन्य ठिकानों पर दबिश दी गई, लेकिन वह नहीं मिले। पुलिस ने तीनों  की गिरफ्तारी पर तीन-तीन हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। जल्द ही दोनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हो जाएगा। 

मोबाइल पर घंटी जाती रही नहीं उठा फोन 

इधर, इस मामले में आरजीपीवी के पूर्व कुलपति प्रो. सुनील कुमार को इस संबंध में बात करने के लिए जब फोन किया गया तब उनके मोबाइल नंबर पर घंटी जाती रही, लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया। यहां लोगों का सवाल यह भी है कि एक तरफ लुकआउट नोटिस जारी होने की बात कही जा रही है, तो दूसरी ओर उनका मोबाइल स्विच ऑफ नहीं होना सवाल खड़े करता है। पुलिस प्रशासन एक ओर ईनाम घोषित कर रही है तो दूसरी ओर मोबाइल की लोकेशन भी ट्रेस नहीं कर पा रही।  

आरजीपीवी के खाते से 19.48 करोड़ रुपए निजी बैंक खातों में डालने के मामले के आरोपी  तत्कालीन कुलपति  सुनील कुमार की ओर से दायर  अग्रिम जमानत याचिका को विशेष न्यायाधीश  एसपी पाण्डेय की अदालत ने सुनवाई के बाद  निरस्त कर दिया। 

अनुसंधाकर्ता अधिकारी अनिल शुक्ला के ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त सुनील कुमार ने चैकों पर स्वयं के हस्ताक्षर से प्रायवेट बैंक खातों में राशि को अंतरित कराया गया है तथा अन्य  साक्ष्य संकलित हैं जो कि अभियुक्त की संलिप्तता को प्रकट करते हैं। विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद बुधवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी सुनील कुमार की अग्रिम जमानत याचिका को मामला गंभीर प्रवृत्ति का होने से निरस्त कर दिया।    सुनील कुमार राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय  में  21 जून 2017 से  6 मार्च 2024 तक कुलपति के पद पर पदस्थ रहा है।   उपरोक्त खाते से राशि के आहरण का अधिकार अभियुक्तगण सुनील कुमार, ऋषिकेश वर्मा और आरएस राजपूत को था। 

पद का किया दुरुपयोग

विशेष न्यायाधीश ने फैसले में लिखा है कि केस डायरी में संलग्न दस्तावेजों से यह प्रकट होता है कि अभियुक्त सुनील कुमार ने आरजीपीवी विश्वविद्यालय में कुलपति के पद पर रहते हुए पद का दुरुपयोग कर  कूटरचित दस्तावेज तैयार कर विवि की राशि को निजी खातों में अंतरित किया। अभियुक्त सुनील कुमार एवं अन्य सहअभियुक्तगण ने योजना पूर्ण तरीके से विश्वविद्यालय की राशि जिसका उपयोग छात्रों के हित में तथा शैक्षणिक गतिविधियों में किया जाना था, उक्त राशि को व्यक्तिगत लाभ हेतु दुर्विनियोग किया। प्रकरण में अनुसंधान की कार्यवाही संचालित है । अत: उपरोक्त परिस्थितियों को विचार में लेते हुए अभियुक्त सुनील कुमार को अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाना उचित प्रतीत नहीं होता।
 


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