Pritesh Singh: मैकेनिक के बेटे ने यूपीएससी में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन किया है, पहले ही उन्होंने धमाल मचा दिया था, संघ लोक सेवा आयोग ने आयोजित की गई सिविल (मुख्य) परीक्षा 2023 के अंतिम नतीजे जारी कर दिए हैं। इस यूपीएससी के अंतिम परिणामों में, छत्तीसगढ़ से कई परीक्षार्थियों ने उच्च स्तर की सफलता प्राप्त की है।
मेकेनिक का बड़ा योगदान:
संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस बार के परिणामों में छत्तीसगढ़ से चार अभ्यर्थियों ने अपना नाम राजिस्टर किया है। प्रीतेश सिंह राजपूत ने भी 697वें रैंक के साथ यूपीएससी में दूसरी बार अपना स्थान बनाया है। इस बड़ी सफलता में, एक मेकेनिक के बेटे का भी बड़ा योगदान रहा है, जो केवल ऑनलाइन मार्गदर्शन के आधार पर बिना कोचिंग से प्राप्त हुई।मुंगेली जिले के लोरमी गांव के मंझगांव में निवास करने वाले प्रीतेश सिंह राजपूत के पिता मेकेनिक का काम करने वाला है। उनके तीन बच्चे हैं, और प्रीतेश उनमें सबसे छोटा है। उनकी बड़ी बहन और एक भाई भी हैं। उनकी बड़ी बहन की शादी हो चुकी है, और उनका भाई ग्रामीण क्षेत्रों में किसी अधिकारी की पदस्थापना कर रहा है।
बीटेक इंजीनियरिंग में हुए पास :
प्रीतेश ने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा अपने गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। फिर उन्होंने पड़ोसी गांव झापल के प्राइवेट महाराणा प्रताप स्कूल से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की, और 12वीं में गणित के साथ उत्तीर्ण हुए। 12वीं के बाद, वे रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि महाविद्यालय से कृषि में बीटेक इंजीनियरिंग में पास हुए। उनके बीटेक में कुल एग्रीगेट 68 प्रतिशत रहा। प्रीतेश ने व्यापम की लैब अटेंडेंट और कृषि शिक्षक की परीक्षा में भी सफलता प्राप्त की।
अधिकारी पद का चयन :
प्रीतेश ने अपनी यूपीएससी की तैयारी के लिए बिलासपुर के एक निजी कोचिंग संस्थान से कोचिंग भी ली। 2019 में प्रीतेश के पहले प्रयास में उन्हें जिला खाद्य अधिकारी के पद के लिए चयन हुआ। और 2020 में उन्हें पीएससी से डिप्टी कलेक्टर के पद के लिए चयन हो गया। प्रीतेश वर्तमान में मनेंद्रगढ़ जिले के चिरमिरी भरतपुर तहसील में डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। प्रीतेश अपने वर्तमान रैंक से संतुष्ट नहीं हैं, और वे अब भी आईएएस बनने की तैयारी में जुटे हैं।