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Vegetable Price Hike : महंगाई की मार... आसमान छू रहीं सब्जियों की कीमतें

Vegetable Price Hike : महंगाई की मार... आसमान छू रहीं सब्जियों की कीमतें

Vegetable Price Hike : राजधानी के बाजार में इन दिनों सब्जियों की कीमत आसमान छू रही है।  इसका मुख्य कारण सब्जियों की आवक कम होना और बारिश का मौसम बताया जा रहा है। टमाटर हो या धनियां इनके दाम दहाई के आंकड़े को पार कर गए हैं, सब्जी महंगी होने से गृहणियों के रसोई का बजट गड़बड़ हो गया है। पहले जहां थैले में सब्जी आती थी, अब पॉलीथीन में आ रही है। 

शिमला मिर्च की सेंचुरी

सब्जियों पर महंगाई की मार इस कदर पड़ी है कि खरीदार भाव सुन कर तिलमिला रहा है। क्योंकि आलू व प्याज पर भी महंगाई की मार पड़ने के साथ ही शिमला मिर्च सेंचुरी और फूल गोभी व टमाटर हॉफ सेंचुरी को पार कर चुकी है। सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि अभी स्थानीय स्तर पर इन सब्जियों की आवक बहुत कम है,अभी बाहर से सब्जी ऊंची कीमत पर खरीद कर रहे हैं, इसलिए खुदरा ग्राहक को सब्जी महंगा बेचना पड़ रहा है।

इसलिए बढ़े सब्जियों के दाम

सब्जी विक्रेताओं के अनुसार मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में भीषण बारिश के कारण सब्जी की आवक कम हो गई है, लोकल सब्जियां भी ज्यादा नहीं आ रही हैं, जिसके कारण सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी हुई है। महंगाई के कारण ग्राहक भी कम सब्जी खरीद रहे हैं। उनके अनुसार सब्जियां महंगी होने से कई लोग आते हैं और दाम पूछकर सब्जी खरीदे बगैर ही चले जाते हैं।

30 रुपए किलो तक सब्जियां  

बारिश के कारण पैदा हुए व्यवधान और खड़ी फसलों को हुए नुकसान ने प्रदेशभर की मंडियों में सब्जियों की आवक कम कर दी है, जिससे ज्यादातर हरी सब्जियों के दाम 30 रुपए प्रति किलों बढ़ गए हैं। शहर की सबसे बड़ी मंडी करोंद सब्जी मंडी के व्यापारियों के अनुसार सब्जियों की आवक में करीब 30 फीसदी की गिरावट आई है। व्यापारियों ने बताया कि आपूर्ति पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। 

क्या कहते है व्यापारी?

मंडी के सब्जी व्यापारी राजेन्द्र सैनी और मो.वसीम ने बताया कि सब्जियों की आवक में भारी गिरावट आई है। आपूर्ति में इस गिरावट के कारण ज्यादातर सब्जियों के दामों में उछाल आया है। सब्जी आपूर्तिकर्ताओं और व्यापारियों के अनुसार मंडी में छोटे-बड़े वाहनों में रोजाना सब्जियों की आवक 60 से 70 गाड़ी की है। पिछले एक महीने में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। जिस तेजी से रोजमर्रा की जरूरत की चीजें महंगी हो रही हैं, उससे आम आदमी के विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।  

टमाटर डालेगा जेब पर बोझ

खाद्य तेल के बाद अब टमाटर की कीमतें जेब पर बोझ बढ़ा सकती हैं।  टमाटर के भाव बढ़ सकते हैं क्योंकि महाराष्ट्र के नासिक जिले में टमाटर की फसल कीटों और रोगों के प्रकोप से प्रभावित हो रही है। किसान 'सरपेंटाइन लीफ माइनर' नामक कीट से परेशान हैं, जो टमाटर सहित अन्य सब्जियों को नुकसान पहुंचाता है। यह कीट लिरियोमाइजा ब्रासिका मक्खी का लार्वा होता है, जो पत्तियों में सुरंग बनाकर पौधों को कमजोर कर देता है। 

टमाटर के खेतों में कीटों का प्रकोप

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप की समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार नासिक जिले के टमाटर के खेतों में कीटों और रोगों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि यह आर्थिक नुकसान की स्थिति तक पहुंच गया है। इस स्थिति को 'इकनॉमिक थ्रेशहोल्ड लेवल कहा जाता है, जहां फसलों को बचाने के लिए त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता होती है लेकिन पर्याप्त प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।


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