Vihar-Dehradun Vande Bharat Express: PM Narendra Modi ने आज आनंद विहार-देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) का दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से उद्घाटन किया। यह उत्तराखंड (Uttarakhand) की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस है। वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि यह ट्रेन लोगों के यात्रा के समय को कम कर देगी। ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसके चलते यात्रा आनंदमय होगी। उन्होंने कहा कि भारत को बड़ी उम्मीद के साथ देखा जा रहा है और उत्तराखंड जैसा राज्य पर्यटन का प्रमुख केंद्र है।
बीजेपी के आने से साकार हुआ हाई-स्पीड ट्रेन का सपना:
वंदे भारत एक्सप्रेस इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा कि 12 हजार करोड़ रुपये की लागत से चार धाम (Char Dham) की परियोजना पर भी तेज गति के साथ कार्य चल रहा है। 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार आने के बाद हमने भारतीय रेलवे के नेटवर्क में बेहद बदलाव कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के दौरान ही हाई-स्पीड ट्रेनों का सपना साकार हो सका है। 2014 से पहले 600 किमी की तुलना में हर साल 6000 किमी रेलवे लाइनों (Railway Lines) का विद्युतीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
#WATCH | "Previous govts only cared about dynasties. Common man was not among their priority. The earlier govt only made promises and never fulfilled them, but we fulfilled all the promises. The railway sector was also ignored by them (previous govt)," says PM Narendra Modi pic.twitter.com/zpPAeo0mSI
— ANI (@ANI) May 25, 2023
पिछली सरकारों पर कसा तंज:
पीएम मोदी (PM Modi) बोले कि पिछली सरकारों को केवल परिवारवाद और वंशवाद की ही परवाह थी। उनकी सरकार में आम आदमी को ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाती थी, वे केवल वादे करते थे और उन्हें कभी पूरा नहीं करते थे। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार ने अपने सभी वादे पूरे किए। भारतीय रेलवे के नेटवर्क को पिछली सरकारों ने नजरअंदाज ही किया है। उन्होंने कहा कि पहले लंबे समय तक जिन दलों की सरकारें रहीं, उन्होंने देश की जरूरतों को नहीं समझा। उनका ध्यान केवल भ्रष्टाचार करने पर ही था और वे सभी परिवारवाद के अंदर ही सिमट कर रह गए थे। पीएम बोले कि साल 2014 से पहले के 5 सालों में उत्तराखंड (Uttarakhand) के लिए औसतन 200 करोड़ रुपए से भी कम का रेल बजट होता था और इस वर्ष यह 5000 करोड़ रुपए है।
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