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PM Modi Khajuraho : MP-UP की प्यास बुझाएंगे पीएम मोदी, आ रहे खजुराहो

PM Modi Khajuraho : MP-UP की प्यास बुझाएंगे पीएम मोदी, आ रहे खजुराहो

PM Modi Khajuraho : देश की राजनीति के भीष्म पितामहा कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 100वीं जयंती है। इस मौके पर पीएम मोदी आज अटल बिहारी का सपना साकार कनने जा रहे है। पीएम मोदी आज मध्यप्रदेश के खजुराहो में केन बेतवा लिंक परियोजना का शुभारंभ कर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की करोड़ों जनता की प्यास बुझाएंगे। केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की इस परियोजना से जल संकट से राहत मिलेगी। 

अटल बिहार वाजपेयी ने सन 2002 में नदी जोड़ों परियोजना की शुरूआत की थी। उस दौरान कई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, लेकिन उनके निधन के बाद परियोजनाएं अटक गई, जो अब पीएम मोदी पूरी करने जा रहे है। पीएम मोदी के प्रयास से अब केन और बेतवा नदी को जोड़ा जा रहा है। 

यूपी के सीएम भी होंगे शामिल

पीएम मोदी आज दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचेंगे जहां से वे कार्यक्रम स्थल जाएंगे और केन बेतवा लिंक परियोजना का भूमिपूजन करेंगें। इस मौके पर पीएम मोदी के अलावा मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, कई केन्द्रीय मंत्री, सीएम मोहन यादव के अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे। इसके अलावा कार्यक्रम में खजुराहो सांसद वीडी शर्मा, मोहन सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट समेत कई मंत्री, विधायक और किसान मौजूद रहेंगे। 

बदलेगी बुंदेलखंड की तस्वीर

मोदी सरकार की इस परियोजना से बुंदेलखंड की तस्वीर बदलेगी। इस परियोजना की लागत 44 हजार 605 करोड़ रुपये है। प्रदेश सरकार की इस परियोजना से एमपी और यूपी के करीब 11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र और किसानों को सिंचाई सबं​धी सुविधा का लाभ मिलेगा। हर खेत और हर घर तक पानी पहुंचेगा। प्रधानमंत्री मोदी की इस परियोजना के उद्घाटन से न सिर्फ बुंदेलखंड वरन पूरे मध्य प्रदेश की तस्वीर बदल जाएगी। विकास की नई ऊंचाइयों को छूने की सूरत में यह परियोजना एक मील का पत्थर साबित होगी। 

क्यों खास है केन बेतवा लिंक परियोजना

केन बेतवा लिंक परियोजना, जो मध्य प्रदेश से शुरू हो रही है, बुंदेलखंड में व्यापक विकास का अवसर प्रदान करेगी। इससे बेरोजगारी कम होगी और क्षेत्र में औद्योगिक संभावनाएँ बढ़ेंगी। इस परियोजना से पिछड़े बुंदेलखंड के लिए विशिष्ट लाभ देखने को मिल सकता है, सिंचाई क्षेत्र में विस्तार होगा और विद्युत उत्पादन भी शुरू होगा। इस लिंक परियोजना से जल संरक्षण एवं जल प्रबंधन के उपाय भी लागू किए जाएंगे, जो कि जल संकट को कम करने में मददगार साबित होंगे। 


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