Parliament Winter Session: शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन सोमवार(2 दिसंबर) को भी संसद में जमकर हंगामा हुआ। सुबह 11 बजे लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने अडाणी मुद्दा उठाया। विपक्षी सांसदों ने वी वॉन्ट जस्टिस के नारे लगाने शुरू कर दिए। हंगामे के चलते स्पीकर ने केवल पांच मिनट में कार्यवाही स्थगित कर दी। वहीं राज्यसभा में भी विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया।
छाया रहा अडाणी का मुद्दा
25 नवंबर से शुरू हुए शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने हर दिन अलग-अलग मुद्दों पर सरकार को घेरा। संभल हिंसा, अडाणी विवाद और प्रियंका गांधी की शपथ सुर्खियों में रहीं। सरकार ने विधेयकों पर जोर दिया, लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा। अडाणी और संभल के मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है।
राज्यसभा में कार्यवाही स्थगित
राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ को कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष की मांग है कि सरकार उनके सवालों का जवाब दे। वहीं, सरकार इस सत्र के दौरान कई अहम विधेयकों पर चर्चा के लिए विपक्ष से सहयोग करने के लिए कह रही है।
विपक्ष में लगाया आरोप
संसद में विपक्षी पार्टियां मौजूदा सत्र शुरू होने के बाद से ही लगातार अडाणी का मुद्दा उठा रही है। इसके साथ ही विपक्षी सांसद संभल में हुई हिंसा और दूसरे मामलों पर सरकार को घेर रहे हैं। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि सरकार को विपक्ष की बात सुननी चाहिए। INDIA गठबंधन के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुआई में रणनीति बनाई। विपक्ष का आरोप है कि सरकार संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा से बच रही है।
स्पीकर ओम बिरला ने दिया संदेश
संसद सत्र के चौथे दिन लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने कहा था कि संसद सबकी है। स्पीकर ने सभी विपक्षी पार्टियों से अपील की थी कि वह सदन को चलाने में सहयोग करें। स्पीकर ओम बिरला ने कहा था कि लोकतंत्र की ताकत सहमति-असहमति में है। देश की जनता संसद से कामकाज की उम्मीद करती है। विपक्ष ने इसे लेकर स्पीकर पर भी सवाल उठाए।