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जीतू की टीम में दिग्विजय की छाया, पार्टी छोड़ चुके पचौरी समर्थकों को भी तरजीह

जीतू की टीम में दिग्विजय की छाया, पार्टी छोड़ चुके पचौरी समर्थकों को भी तरजीह

- कमलनाथ, अरुण, अजय को ज्यादा तवज्जो नहीं
- चुनाव लड़ने वाले नेताओं को मिला ज्यादा महत्व

दिनेश निगम ‘त्यागी’ : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लगभग 10 माह बाद जीतू पटवारी की टीम शनिवार रात घोषित तो हो गई लेकिन इसके साथ असंतोष के स्वर भी फूट पड़े। खास बात यह है कि टीम में वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की छाया साफ दिखाई पड़ रही है। उनके समर्थकों को सबसे ज्यादा पद मिले हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जा चुके एक अन्य वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी के समर्थकों को भी नवाजा गया है लेकिन पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह, अजय सिंह ‘राहुल’ और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को खास तवज्जो नहीं मिली। इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे पूर्व सांसद नकुलनाथ को भी टीम में जगह नहीं मिली जबकि हर प्रमुख नेता के बेटे, भाई का प्रतिनिधित्व कार्यकारिणी में है। 

इससे अलग हटकर भी असंतोष है। इंदौर के वरिष्ठ नेता प्रमोद टंडन ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। दूसरा, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता रवि सक्सेना ने तंज कसते हुए फेसबुक पर लिखा है, ‘एक पुरानी कहावत है, जो आज चरितार्थ हो गई ‘अंधामल बांटे रेवड़ी, अपने अपनों को देत।’ जिन्हें जनता ने पराजित किया, वही बने भाग्य विधाता।’

पचौरी के समर्थकों पर किया गया भरोसा

पटवारी की कार्यकारिणी में 6 माह पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के समर्थकों को जगह दी गई है। तर्क दिया जा रहा है कि पचौरी ने भले ही दल बदल किया हो लेकिन उनके जो समर्थक भाजपा में नहीं गए, उनको संगठन में लेकर इनाम दिया गया है। विधायक आरिफ मसूद, अमित शर्मा, राजीव सिंह, अवनीश भार्गव को पचौरी का करीबी माना जाता है। इन सभी को प्रमुख दायित्व सौंपा गया है। हालांकि भाजपा में पचौरी और उनके साथ गए नेताओं को तवज्जो नहीं मिल रही है। वहां उन्हें अपमान का घूंट पीना पड़ रहा है।

अरुण, अजय के समर्थकों को जवाबदारी नहीं

कांग्रेस के दो नेताओं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के प्रदेश भर में समर्थक हैं। लेकिन कार्यकारिणी में इनके समर्थकों को बड़ी जवाबदारी नहीं दी गई। अरुण के भाई विधायक सचिन यादव को उपाध्यक्ष बनाया गया है लेकिन उनके साथ संगठन प्रभारी महामंत्री का दायित्व संभालने वाल चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाकर खानापूर्ति की गई है जबकि वे कार्यालय में लगातार बैठकर काम देख रहे थे। इसी प्रकार अजय सिंह के खास महेंद्र सिंह चौहान को कार्यकारिणी में स्थाई आमंत्रित बना कर संतुष्ट करने की कोशिश हुई है। द्विवेदी और चौहान इससे पहले प्रदेश महामंत्री और उपाध्यक्ष थे। चौहान में प्रदेश कार्यालय में हर दिन मौजूद रहने वाले पदाधिकारी थे। उम्मीद थी की टीम में वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल को बड़ी जवाबदारी मिलेगी लेकिन वे भी स्थाई आमंत्रित सदस्य बन कर रह गए।

चुनाव की राजनीति वालों को मिला ज्यादा महत्व

पटवारी की कार्यकारिणी को देख कर पता चलता है कि इसमें चुनाव की राजनीति करने वालों को ज्यादा महत्व दिया गया है। इसमें विधायकों को  पद मिले हैं और चुनाव हारने वाले नेताओं को भी, जबकि ये संगठन के लिए ज्यादा समय नहीं दे सकते। इनकी तुलना में संगठन में समय देने वालों से दूरी बनाई गई है। टीम में सबसे ज्यादा दिग्वजिय समर्थक हैं, इसके बाद जीतू की पसंद को महत्व मिला है। अन्य नेताओं काे संतुष्ट करने भर की कोशिश हुई है। बहरहाल, 17 उपाध्यक्ष, 71 महासचिव, 16 कार्यकारिणी सदस्य, 33 स्थाई आमंत्रित सदस्य और 40 विशेष आमंत्रित सदस्यों के साथ जीतू की टीम काम करने के लिए तैयार है।

शेष रहे साथियों को भी मिलेगी जिम्मेदारी: पटवारी

असंतोष के स्वरों के बीच जीतू पटवारी ने कहा है कि हम सभी मिलकर प्रदेश में लोकतंत्र, किसान, महिला, मजदूर विरोधी भाजपा सरकार के खिलाफ कड़ा संघर्ष करना चाहते हैं। यह कांग्रेस के प्रत्येक साथी की ज़िम्मेदारी है। कल प्रदेश कांग्रेस की हमारी कार्यकारिणी घोषित हुई है। शीघ्र ही प्रदेश सचिव, अनुशासन समिति और राजनीतिक मामलों की सलाहकार समिति की घोषणा की जाना है। इस सूची में शेष रहे साथियों को भी जिम्मेदारी मिलेगी। पटवारी ने नव-नियुक्त पदाधिकारियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि नई टीम से पार्टी को नई दिशा और ऊंचाइयां मिलेंगी। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर प्रदेश में कांग्रेस को और मजबूत बनाएंगे।


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