सारिका घारू : सूरज की परिक्रमा करती पृथ्वी साल भर अपनी दूरी बदलती रहती है, साल के एक दिन वह सूरज के सबसे पास वाले बिंदु पर होती है तो एक दिन ऐसा आता है जब यह दूरी बढ़कर सबसे अधिक हो जाती है । 5 जुलाई को वह दिन आ गया है जब पृथ्वी ने सूरज से अपनी दूरी बढ़ा ली है। नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने जानकारी देते हुये बताया कि साल में एक बार होने वाली यह खगोलीय घटना अफेलियन कहलाती है। भारतीय समय के अनुसार प्रात: 10 बजकर 36 मिनिट की स्थिति में पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी 15 करोड़ 20 लाख 99 हजार 968 किमी हो जायेगी जो कि साल की सबसे अधिक होगी।
50 दूरी पर पहुंच रही पृथ्वी
सारिका ने बताया कि इस साल 3 जनवरी को पृथ्वी अपनी दूरी घटाते हुये सूरज से 14 करोड़ 71 लाख 632 किमी दूरी पर थी, इसे पेरिहेलियन की स्थिति कहते हैं। इस तरह उस दूरी से आज पृथ्वी लगभग 50 लाख किमी और दूर पहुंच रही है।
क्या मौसम पर होगा असर?
सारिका ने बताया कि सूरज और पृथ्वी के बीच दूरी में लगभग 3 प्रतिशत की इस दूरी बढ़ने या घटने से स्थानीय मौसम पर कोई असर नहीं आता है। जब जनवरी में सूर्य पास में होता है तब उत्तरी गोलार्द्ध में ठंड पड़ रही होती है। वहीं जुलाई से सूरज से दूरी बढ़ने पर भी गर्मी कम नहीं होती है। पृथ्वी पर मौसम तो पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमते समय, झुकाव के कारण होते हैं। किसी समय पृथ्वी के जिस भाग पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ रही होती हैं वहां गर्मी पड़ती है तथा जहां तिरछी किरणें पड़ती है वहां ठंड महसूस होती है। तो तैयार हो जाईये आज सूरज से सबसे अधिक दूरी का खगोलीय उत्सव मनाने के लिये।