भोपाल : मध्य प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसे को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने अब स्कूलों में यातायात पाठ्यक्रम पढ़ाने का फैसला लिया है। जिसकी शुरुआत सत्र 2025 - 2026 में की जाएगी। यातायात का पाठ एमपी के कक्षा 5 से लेकर 12वी तक के विद्यार्थीयों को पढ़ाया जाएगा। जिसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही 87 लाख पुस्तकें विद्यार्थियों को बांटी जाएंगी।
बढ़ते सड़क हादसों पर लगाया जा सके लगाम
इस पाठ्यक्रम में यातायात नियम, वाहन प्रकार और प्रदूषण से जुटी हर जानकारी दी जाएगी। ताकि बढ़ते सड़क हादसों पर लगाम लगाया जा सके। इतना ही नहीं पांचवीं से 12वीं तक क्रमश: हर वर्ष नई कक्षा में नई पुस्तक पढ़ाई जाएंगी। जिसको लेकर तैयारियां जोरों शोरों से जारी है। प्रदेश में हर वर्ष सड़क हादसों में करीब 12 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इनमें ज्यादातर युवा होते हैं। ऐसे में अगर विद्यार्थियों ने सावधानी रखी और दूसरों को समझाना शुरू किया तो हादसों में कमी आएगी। जैसे हर स्कूल में खेल या योग के शिक्षक होते हैं, उसी तरह स्कूलों में किसी एक शिक्षक को यातायात पढ़ाने की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी।
ऐसा रहेगा पाठ्यक्रम
पाठ्यक्रम भी इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि इसमें दोहराव न हो। साथ ही उनकी सामग्री विद्यार्थियों के बौद्धिक स्तर के अनुकूल हो। पांचवीं की पुस्तक में आठ अध्याय हैं। इसमें वाहन सड़क में कैसे, किस दिशा में चलाएं, रोटरी क्या है। प्रदूषण के मापदंड के अनुसार वाहन कितने प्रकार के होते हैं। लाइसेंस कितने तरह के होते हैं, जैसी जानकारियों को शामिल किया गया है।