रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज उनके निवास कार्यालय में नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गौतम को नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं देते हुए प्रदेश में कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, नागरिक सुरक्षा और पुलिस प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। उन्होंने आधुनिक तकनीकों के समुचित उपयोग, जनसहभागिता और अनुशासित पुलिसिंग के माध्यम से प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ किए जाने पर बल दिया।
आपको बता दें, छत्तीसगढ़ सरकार ने आईपीएस अधिकारी अरुणदेव गौतम को राज्य का नया डीजीपी नियुक्त किया है। वे डीजीपी अशोक जुनेजा के सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी जगह पर पद स्थापित हुए हैं। अरुणदेव गौतम एक सरल और सहज पुलिस अधिकारी के रूप में पहचाने जाते हैं, लेकिन पुलिसिंग के मामले में उतने ही सख्त भी हैं।
किसान परिवार से ताल्लुकात:
छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अरुण देव उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास स्थित फतेहपुर जिले के अभयपुर गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म 2 जुलाई 1967 को हुआ था। वे एक किसान परिवार से संबंधित हैं, जहां उनके पिता कृषक हैं और गांव में अच्छी खेतीबाड़ी होती है। वे पांच भाई और एक बहन हैं। हालांकि, अभयपुर गांव फतेहपुर जिले में आता है, लेकिन यह कानपुर से केवल 30 किलोमीटर दूर है।
गांव से स्कूली शिक्षा:
अरुण देव गौतम ने अपनी आठवीं तक की स्कूली शिक्षा अपने गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद, आगे की पढ़ाई के लिए वे अपने बड़े भाई के पास प्रयागराज चले गए, जहां उनके भाई वकील थे। गौतम ने अपनी दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज, इलाहाबाद से की। इसके बाद, उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से आर्ट्स में बीए किया और फिर राजनीति शास्त्र में एमए की डिग्री प्राप्त की।
सात जिलों के एसपी:
अरुण देव गौतम ने यूपीएससी परीक्षा पास करके 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी बने। 12 अक्टूबर 1992 को उन्होंने आईपीएस सेवा जॉइन की और उन्हें पहले मध्य प्रदेश कैडर आवंटित किया। प्रशिक्षु आईपीएस के रूप में उनकी पहली पोस्टिंग जबलपुर में हुई। इसके बाद, वे बिलासपुर के सीएसपी बने, फिर एसडीओपी कवर्धा और बाद में एडिशनल एसपी भोपाल के पद पर कार्य किया। वे मध्य प्रदेश पुलिस की 23वीं बटालियन के कमांडेंट भी रहे। एसपी के रूप में उनका पहला जिला राजगढ़ था।