New Security in Smartphone: मोबाइल के सिक्योरिटी के चलते अब नए नए अविष्कार होते जा रहे हैं जिससे फ़ोन अगर चोरी हो भी जाता है तो कोई उसका गलत फायदा न उठा सके इसी के चलते वैज्ञानकों ने 6 महीने पहले शुरू किए गए बायोमेट्रिक फीचर को अब अंतिम रूप देने की स्थिति में आ गए हैं फोन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस किया जा रहा है. यानी अब आपका फोन केवल आपकी हथेली को पहचानेगा. और अगर चोरी भी हो गया तो काम नहीं करेगा.
अमेरिका के यूनिवर्सिटी में किया गया शोध:
कुछ महीने पहले अमेरिका के स्याना स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बायोमैट्रिक्स फीचर तैयार किया. जिसके जरिए स्मार्टफोन हथेली की पकड़ से आपकी पहचान करेगा. अगर फोन किसी दूसरे के हाथों में होगा तो वह ऑन ही नहीं होगा. यह फीचर आपके स्मार्टफोन पर पासवर्ड की तरह उपयोगी साबित हो इस पर काम अभी जारी है.
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भारत में भी जल्द ही उपलब्ध होगा यह फीचर:
वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी सटीकता को अभी और प्रभावी बनाने की जरूरत है वैसे तो इसकी तकनीक के सारे परीक्षण सफल माने गए हैं. लेकिन फिर भी अभी इसे कई अन्य परीक्षणों से गुजरना है, उम्मीद की जा रही है कि, आने वाले कुछ महीनों में दुनिया के साथ-साथ भारत में या फीचर आम लोगों के लिए उपलब्ध होगा.
कैसे काम करेगा यह सिक्योरिटी:
फोन हाथ में पकड़ते ही यह फीचर ऑन हो जाता है. जब फोन पर कोई नोटिफिकेशन टोन प्ले होगी तो, फोन का माइक उसे रिकॉर्ड करेगा. आई आधारित एल्गोरिथ्म उस टोन को डिकोड करेगा. और उपयोगकर्ता के रिकॉर्ड की गई हैंड ग्रिप से मिलान करेगा. यदि मिलान होता है तो, वेरिफिकेशन सफल माना जाएगा और अगर नहीं तो इस स्क्रीन पर केवल नोटिफिकेशन की संख्या दिखाई देगी.
बायोमेट्रिक फीचर के जरिए मोबाइल पहचानेगा इंसान:
उपयोगकर्ताओं के हाथ के आकार अंगुली की लंबाई पकड़ने की सख्ती के कारण स्मार्टफोन पर अलग-अलग प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं बायोमेट्रिक फीचर के जरिए ही इन्हें पहचाना जा सकता है.
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पहचान कैसे होगी:
एआई से लैस की पहचान करने के लिए कैमरे माइक्रोफोन टच स्क्रीन और गति सेंसर जैसे मोबाइल उपकरणों पर आसानी से उपलब्ध और कम लागत वाले सेंसर पर इस्तेमाल करता है. यह पारंपरिक शारीरिक बायोमेट्रिक जैसे - चेहरा आइरिश आप फिंगरप्रिंट के अलावा व्यवहार बायोमैट्रिक्स पर भी काम करती है. जिसमें शरीर की गति अंगुली की इशारों हस्ताक्षर हाथ की गति आवाज शामिल हैं. जिन्हें आपके अलावा किसी दूसरे का दोहराना कठिन माना जाता है. फिलहाल स्मार्टफोन को सेफ एंड सिक्योर बनाने के लिए पासवर्ड लॉक पेटर्न फेस रिकॉग्निशन और वॉइस रिकॉग्निशन का इस्तेमाल किया जाता है. इन्हें हैकर्स आसानी से हैक कर सकते हैं.
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