Shardiya Navratri : नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है। माँ कालरात्रि दुर्गा के काले रूप में जानी जाती हैं, और उन्हें अंधकार, भय और नकारात्मकता को समाप्त करने वाली देवी भी माना जाता है। माँ कालरात्रि का रूप काला है, उनके चार हाथ हैं, वे दुष्टों का नाश करने वाली और भक्तों को सुरक्षा देने वाली देवी हैं। और वे एक भयानक और शक्तिशाली रूप में प्रकट होती हैं। माँ का रूप काला और भव्य है, उनके चार हाथ हैं, और वे अपनी भुजाओं में तलवार, त्रिशूल, और अन्य अस्त्र धारण करती हैं।
पूजा विधि: माँ कालरात्रि की पूजा के लिए एक साफ स्थान चुनें और वहाँ एक चौकी पर लाल या काले वस्त्र बिछाएं। माँ कालरात्रि का चित्र या मूर्ति स्थापित करें। दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं। माँ को पंचामृत दूध, दही, घी, शहद, और चीनी से स्नान कराएं। उन्हें लाल फूल और मिष्ठान्न जैसे लड्डू या बर्फी चढ़ाएं। इस दिन उपवास करें। फलाहार या साबूदाना खिचड़ी जैसे हल्के भोजन का सेवन कर सकते हैं। माँ कालरात्रि से भय और नकारात्मकता से मुक्ति और सुरक्षा की प्रार्थना करें। पूजा के बाद भोग का वितरण करें।
माँ कालरात्रि का मंत्र और महत्व:
दुर्गा पूजा में अंतिम चरण की देवी हैं, और उनकी आराधना से सभी बुराइयों का नाश होता है। माँ कालरात्रि को अंधकार और संकट के समय में सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी माना जाता है।उनकी पूजा से भक्तों को मानसिक शांति, साहस और दृढ़ता मिलती है। माँ कालरात्रि की उपासना के लिए निम्नलिखित मंत्र का जाप किया जा सकता है: ॐ कालरात्रि नमः।