New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। उन्होंने गुरुवार को नए संसद भवन के कामकाज की जांच के लिए भी पहुंचे। इस दौरान, उन्होंने संसद के दोनों सदनों में मिलने वाली सुविधाओं की जांच भी की। प्रधानमंत्री ने निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों से भी बातचीत की।
नए संसद भवन की कुछ मुख्य खासियतें हैं:
नई दिल्ली में स्थित: नए संसद भवन नई दिल्ली में स्थित होगा और पुराने संसद भवन के पास ही बनाया जा रहा है।
विशेष डिजाइन: नये संसद भवन का डिजाइन राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर आधारित है।
बड़ी आवासीय क्षमता: नये संसद भवन का कुल क्षेत्रफल पुराने संसद भवन की तुलना में 17,000 वर्ग मीटर से भी अधिक है। यह अधिक सदस्यों को समायोजित करने की आवासीय क्षमता प्रदान करेगा।
मॉडर्न तकनीकी सुविधाएं: नए संसद भवन में नवीनतम तकनीकी सुविधाएं शामिल होंगी जो संसद के कार्यों को सुगम और प्रभावी बनाए रखेंगी।
वातावरण संरक्षण: नये संसद भवन में वातावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है। इसमें हरितांगना क्षेत्र, पानी के संचयन और पुनर्चक्रण, और उर्जा संरक्षण के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
नए संसद भवन का डिजाइन और विशेषताएं इस प्रकार हैं:
1. भूकंपरोधी भवन: नये संसद भवन का डिजाइन भूकंपों के लिए पूर्णता से तैयार किया गया है। इसका डिजाइन 'HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड' ने तैयार किया है।
2. संसद की बैठक क्षमता: नये संसद भवन में 1200 से अधिक सांसदों के लिए बैठने की सुविधा है। यहां लोकसभा में 888 सांसद और राज्यसभा में 384 सांसद बैठ सकते हैं।
3. संविधान कक्ष: नए संसद भवन में एक सुंदर संविधान कक्ष भी है जो महत्वपूर्ण विधानों और संविधानिक गतिविधियों के लिए बनाई गई है।
4. सुविधाएं: भवन में विभिन्न सुविधाएं शामिल हैं जैसे कि लाउंज, लाइब्रेरी, कमेटी हॉल, कैंटीन और पार्किंग।
5. स्थान: यह भवन 13 एकड़ में स्थित है और राष्ट्रपति भवन के पास ही स्थित है।
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नये संसद भवन का निर्माण निम्नलिखित कारणों से किया जा रहा है:
1. बढ़ती संसद सीटें: लोकसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद, संसद में सदस्यों की संख्या बढ़ने की संभावना है। पुराने संसद भवन में पर्याप्त सीटें नहीं होंगी इसलिए नए संसद भवन बनाई जा रही है.
2. ओवर यूटिलाइजेशन: मौजूदा संसद भवन को अधिकतम क्षेत्र का उपयोग करने की वजह से ओवर यूटिलाइज किया गया है। यह संघर्ष कर रही है और संसदीय कार्यक्रमों की सुविधा को प्रभावित कर रही है।
3. माध्यमिक और लंबित कार्य: पुराने संसद भवन की ज्यादातर इमारतें वर्षों से चल रहे रख-रखाव की आवश्यकता हैं। नये संसद भवन के निर्माण से पुराने भवन की मरम्मत और देखभाल कार्यक्रम तेजी से प्रगति कर सकेंगे।
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