name of Bhopal : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जगद्गुरु रामभद्राचार्य के रामकथा का समापन मंगलवार को हुआ। कथा के समापन वाले दिन राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी धर्मपत्नी के साथ शामिल हुए थे जहाँ सीएम की मौजूदगी में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने भोपाल को भोजपाल करने की बात दोहराई है।
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जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा है की मैं वशिष्ठ कुल का वेदज्ञ ब्राह्मण हूं। मैं राम जी से सिर्फ यही मांग रहा हूं कि पाक अधिकृत कश्मीर हमें मिल जाए और जो 800 वर्गमील जमीन चीन ने हथिया रखी है, वो वापस मिल जाए। हमारा भारत अखंड हो जाए। राम जी से यही मेरी दक्षिणा है, मुझे और कुछ नहीं चाहिए। जगद्गुरु ने सीएम से भोपाल का नाम भोजपाल करने की बात भी दोहराई। सीएम के संबोधन खत्म करने के बाद पब्लिक की ओर से नारेबाजी हुई, तो भोपाल के नाम बदलने पर सीएम ने मुस्कराते हुए कहा - प्रस्ताव भेजा जाएगा, आप जानते हो कि अकेला मैं नहीं कर सकता। यह सुनकर रामभद्राचार्य ने कहा- भोपाल, भोजपाल होकर रहेगा आप चिंता न करो।
धर्मपत्नी साधना सिंह के साथ पहुंचे सीएम
सीएम शिवराज सिंह चौहान, पत्नी साधना सिंह चौहान के साथ भेल दशहरा मैदान पहुंचे। यहां पर आयोजित रामकथा में जगद्गुरुरामभद्राचार्य का आशीर्वाद लिया। इसके बाद जगद्गुरु ने कहा- इन्हें कुर्सी दो, सीएम ने कहा मैं नीचे बैठूंगा। ये सुनकर रामभद्राचार्य ने मजाकिया लहजे में कहा कि कुर्सी तो इन्हें मिली ही है। ये कह रहे हैं कि गुरु जी अगले चुनाव में फिर दिलवा दीजिएगा। आपको मिलेगी, मैं कुर्सी दिलाने के लिए तैयार हूं। शिवराज सिंह जी कुर्सी आपको मिलेगी, मैंने पूरी रणनीति बना ली है।
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