भोपाल : मध्य प्रदेश में साइबर अपराध के मामलों में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। बढ़ते साइबर क्राइम को देखते हुए मध्य प्रदेश में साइबर हेल्प डेस्क बनाने का फैसला लिया है। जहां पर पीड़ित थाने में जाकर 05 लाख तक की शिकायत दर्ज करवा सकते है। राजधानी भोपाल की सभी 35 थानों में साइबर हेल्प डेस्क की शुरुआत की जाएगी. इसके लिए सभी थानों पर 10-10 पुलिसकर्मी की तैनाती किए जाएंगे। जिसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।
इस साल 250 करोड़ रुपये की साइबर ठगी
साइबर हेल्प डेस्क बनाने का प्रस्ताव एक वर्ष पहले से था, लेकिन बजट नहीं होने की वजह से सुविधा नहीं शुरू नहीं की गई। एमपी में अभी एक ही साइबर थाना है। जो कि राजधानी भोपाल में स्थित है। बाकी दूसरे जिलों में साइबर क्राइम की शिकायतें क्राइम ब्रांच या फिर थानों में दर्ज की जाती है। नए सिरे से साइबर थाना बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। बता दें कि जनवरी से अब तक इस साल 250 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हो चुकी है। जिसको देखते हुए यह फैसला लिया।
बढ़ते साइबर अपराध में कमी आएगी
बता दें कि साइबर हेल्प डेस्क के लिए सभी थानों पर 10-10 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएगी। हर थाने से चुनिंदा दस-दस कर्मचारियों को एक-एक सप्ताह तक साइबर अपराधों को दर्ज करने और इनकी बारीकियों से जांच करने की ट्रेनिंग डीसीपी क्राइम अखिल पटेल द्वारा दी जा रही है। तीन दिवसीय इस टैनिंग की शुरुआत गुरुवार को भोपाल के पुलिस कंट्रोल रूम में की गई। पुलिस प्रशासन की इस पहल से राजधानी में बढ़ते साइबर अपराध में कमी आएगी।