होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
जरा हटके
सेहत
अध्यात्म
फैशन/लाइफ स्टाइल

 

MP News : मप्र अब देश का ऐसा पहला राज्य जहां ‘घर बैठे’ हो सकती रजिस्ट्री

MP News : मप्र अब देश का ऐसा पहला राज्य जहां ‘घर बैठे’ हो सकती रजिस्ट्री

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मप्र अब देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां बिना रजिस्ट्रार दफ्तर के चक्कर लगाए घर बैठे आसानी से जमीन और मकान की रजिस्ट्री कराई जा सकती है। इतना ही नहीं प्रॉपर्टी पर कितना लोन बकाया है, इसे भी चेक किया जा सकता है। इसके साथ प्रॉपर्टी की पहचान कस्टोडियन डिपार्टमेंट से कराई जा सकेगी।देश ही नहीं विदेश में बैठे लोगों को भी इसका डेमो दिया गया और उन्होंने प्रक्रिया की सरलता पर खुशी जताई।

डॉ. यादव गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में संपदा -2.0 सॉफ्टवेयर का शुभारंभ करने के बाद बाेल रहे थे। उन्होंने कहा कि इसके बाद जमीन की पैमाइश, रजिस्ट्री, नामांतरण जैसी प्रक्रियाओं में गड़बड़ियों का समाधान हो जाएगा।

पूरे प्रदेश में नई व्यवस्था लागू: देवड़ा: प्रदेश के वित्त एवं वाणिज्यकर मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि दस्तावेजों के ऑनलाइन पंजीयन की कार्रवाई 9 साल से चल रही है। इसमें सुधार की काफी गुंजाइश थी। इसलिए संपदा 2.0 लागू किया गया है।

डिंडौरी, रतलाम, गुना, हरदा में यह व्यवस्था पहले से लागू है। गुरुवार से पूरे प्रदेश में लागू हो गई है। पहले राजस्व और वित्त से इंटीग्रेशन था, लेकिन अब इसको जीएसटी, नगरीय विकास विभाग, आयकर विभाग, पंचायत विभाग तथा आधार से भी इसको इंटीग्रेटेड किया गया है। इस व्यवस्था में व्यक्ति खुद अपना स्लाॅट बुक कर सकता है।

मोदी की प्रेरणा से विकसित हो रहा प्रदेश

डॉ. यादव ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह 10 साल प्रधानमंत्री रहे, वित्त मंत्री रहे और गवर्नर भी रहे, लेकिन वे भी ऐसी तकनीक नहीं विकसित कर पाए जैसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित कर दी। मोदी ने जीरो बजट से देश के गरीब लोगों की परेशानियों को ध्यान रखा है।

अब जो व्यवस्था शुरू हुई है, उसमें नामांतरण के साथ बटांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो रही है। इसके लिए अलग आवेदन नहीं करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप कितने भी पढ़े लिखे हों, लेकिन यहां आने पर अंगूठा ही लगाना पड़ता है। अब तकनीक के दौर में सभी चीजों को डेवलप करना जरूरी भी है।

हांगकांग से चंद्रावत ने की डॉ. यादव से बात

यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एग्रीमेंट, पावर ऑफ अटॉर्नी करने वाले लोगों से बातचीत की। हांगकांग में लाॅ फर्म चलाने वाले सुरेंद्र चंद्रावत से मुख्यमंत्री ने बात करते हुए पूछा कि आपकी प्रॉपर्टी इंडिया में है तो इसका इनकम टैक्स आप इंडिया में शो करेंगे या हांगकांग में? चंद्रावत ने बताया कि प्रॉपर्टी इंडिया में है तो इंडिया में शो होगी। अगर हांगकांग में होती तो वहां पर शो की जाती। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दिल्ली में बैठी डॉ. शक्ति मलिक और उनके पति से बातचीत की, जिन्हें घर में बैठकर यह सुविधा मिली और भोपाल नहीं आना पड़ा।

अभी तक 56 लाख दस्तावेजों का पंजीयन

 वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव अमित राठौर ने बताया कि संपदा सॉफ्टवेयर के माध्यम से लगभग 56 लाख से अधिक दस्तावेजों का पंजीयन किया जा चुका है और पचास हजार करोड़ का राजस्व मिला है। सितंबर 2022 में अचल संपत्तियों के पंजीयन में संपदा की शुरुआत हुई है। सोशल मीडिया के माध्यम से कम्युनिकेशन की अपेक्षाएं जनता की बढ़ गई हैं। सॉफ्टवेयर द्वारा प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन, लोन और अन्य दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह डिजिटल हो जाएगा। संपत्ति की पहचान कस्टोडियम डिपार्टमेंट से कराई जाएगी। पंजीयक की पहचान ई-केवाईसी के माध्यम से पूर्ण की जाएगी। इसमें घर बैठे पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग की सुविधा भी होगी।


संबंधित समाचार