होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
जरा हटके
सेहत
अध्यात्म
फैशन/लाइफ स्टाइल

 

MP News : मप्र की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की झूठी रिपोर्ट देने वाले 10 और कार्यपालन यंत्रियाें से जवाब तलब

MP News : मप्र की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की झूठी रिपोर्ट देने वाले 10 और कार्यपालन यंत्रियाें से जवाब तलब

भोपाल। मप्र की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के अभियान में गड़बड़ी पकड़े जाने पर 8 जिलों के कार्यपालन यंत्रियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, अब 10 और जिलों के कार्यपालन यंत्रियों को नोटिस जारी किया गया है। इन कार्यपालन यंत्रियों से पूछा गया है कि आखिर में आपने बिना सड़कों के गड्ढे भरे ही यह रिपोर्ट क्यों दे दी कि उनके क्षेत्र की सड़कें गड्ढा मुक्त हो गई हैं। नोटिस का जवाब समयावधि में नहीं देने वाले यंत्रियों के खिलाफ निलंबन से लेकर अन्य तरह की सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

प्रदेश भर की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान अगस्त में चलाया गया था, किंतु सड़कों के गड्ढे जस के तस बने हुए थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इस पर नाराजगी जताई थी। यहां तक कि मप्र के बड़े अफसर जिस रास्ते से आते-जाते थे, वहां की सड़कों की हालत भी काफी खराब होती थी। सबसे रोचक मामला तो उस वक्त सामने आया था कि होशंगाबाद रोड की सड़क में गड्ढों वाले रास्ते का उपयोग तत्कालीन मुख्य सचिव भी करती थीं। इसके बाद भी पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। इन सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ इंजीनियर एक दिन भी सड़कों को देखने के लिए नहीं निकले। बार-बार की शिकायतों के बाद अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता ने इस पर संज्ञान लेते हुए गड्ढा मुक्त सड़कों का प्रमाणपत्र देने वाले इंजीनियरों के क्षेत्र की सड़कों का औचक वेरीफिकेशन करा दिया। ताज्जुब की बात यह कि राष्ट्रीय राज मार्ग की सड़कों को छोड़कर प्रदेश के ज्यादातर जिलों की सभी सड़कों में गड्ढे मिले। 

50 से अधिक गड्ढे पाए जाने पर ही दिया गया नोटिस


पीडब्ल्यूडी की जिन सड़कों में 50 से अधिक गड्ढे पाए गए हैं, सिर्फ उन्हीं जिलों के कार्यपालन यंत्रियों को नोटिस दिया गया है। इससे कम गड्ढों वाले इंजीनियरों को कोई नोटिस नहीं दिया गया है। मजे की बात यह कि पीडब्ल्यूडी मुख्यालय के वरिष्ठ इंजीनियरों ने संज्ञान में नहीं लिया। अब सड़कों की हालत और खराब हो गई है। उधर, वेरीफिकेशन के लिए गठित टीमों ने 15 से 18 सितंबर के बीच में कुल 10,645 सड़कों का निरीक्षण किया था। इसमें हालांकि 1362 गड्ढे ही जांच में लिया गया है। इसी पर कार्रवाई भी चल रही है। 

इन जिलों के कार्यपालन यंत्रियों को नोटिस जारी

शासन की ओर से गठित टीमों की रिपोर्ट पर पहले 8 जिलों के कार्यपालन यंत्रियों को नोटिस दिया गया था। अब 10 और जिलों भोपाल संभाग दो व तीन, बैतूल, गुना, शिवपूरी, श्योपुर, नर्मदापुरम, हरदा, रीवा जिलों के कार्यपालन यंत्रियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। इसके अलावा एमपीआरडीसी के इंजीनियरों को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब करने को कहा गया है। उधर, लोकपथ ऐप पर मिली शिकायतों का भी निराकरण किया जा रहा है। अधिकारियाें ने बताया कि 3577 शिकायतों में से 3490 शिकायताें का निराकरण कर दिया गया है। 87 पर कार्रवाई चल रही है। 
 


संबंधित समाचार