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कुरवाई मंडी घोटाला : कुरवाई मंडी में करोड़ों का हेरफेर, FIR दर्ज के आदेश

कुरवाई मंडी घोटाला : कुरवाई मंडी में करोड़ों का हेरफेर, FIR दर्ज के आदेश

विकास जैन/कुरवाई मंडी घोटाला : देश में लंबे समय से मंडी बोर्ड के चुनाव लंबित हैं। किसानों को उपज का उचित दाम दिलाने व शासन की किसान हितैषी योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए सरकार द्वारा प्रदेश में मंडी समितियों की व्यवस्था बनाई गई है। लेकिन मंडी की इन समितियों का 5 साल का कार्यकाल समाप्त हुए 7 बर्ष से अधिक का समय हो चुका है। लेकिन अब तक इनके निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। मंडी कार्यकाल खत्म होने के बाद एक साल तक इसका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। बाद में 6 साल पूरे होने पर इसका भार प्रशासनिक अधिकारियों के जिम्मे हो गया था, जो अब तक जारी है। इसी के चलते मंडी बोर्ड के कर्मचारियों ने कुरवाई और लटेरी मंडी में करोड़ों रुपए के घोटाले को अंजाम दिया है यह घोटाला म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा कराई गई जांच में सिद्ध पाया गया है।

एसडीएम को कार्रवाई करने के दिए आदेश

दरसअल, अपर संचालक अरुण कुमार विश्वकर्मा ने म.प्र. राज्य कृषि वितरण बोर्ड के संयुक्त संचालक आंचलिक कार्यालय भोपाल को पत्र लिखकर कुरवाई और लटेरी कृषि मंडी में भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मचारियों पर वैधानिक कार्रवाई करने हेतु पत्र लिखा था। जिसके बाद विदिशा जिले की कुरवाई कृषि उपज मंडी और लटेरी मंडी में करोड़ों रूपये के गवन मामले में मध्यप्रदेश कृषि विपणन बोर्ड ने कुरवाई कृषि उपज मंडी समिति के भारसाधक अधिकारी मनोज कुमार प्रजापति (एसडीएम) को, जांच में दोषी पाए गए मंडी प्रभारी सचिव ओमप्रकाश इमने समेत अन्य लोगों पर मामला दर्ज कराने और सूचना देने के आदेश बीते माह 29 नवंबर को दिए थे, लेकिन दोषियों के खिलाफ अबतक मामला दर्ज नहीं कराया गया है। मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारी प्रकरण दर्ज करने और मामले में बोलने से बचते नजर आ रहे है। 

जांच में पाई गई वित्तीय अनियमितताएं

जिले की कुरवाई और लटेरी मंडी कोष से अनाधिकृत तरीके से करोड़ों रूपये की राशि निकाली गई थी। जिसकी शिकायत के बाद हुई जांच में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं पाई गई। मंडी कोष के रोकण वही में प्रविष्टी नहीं पाई गई, तो वही तीन बार अग्रिम वेतन के नाम पर लाखों रूपये का हेरफेर किया गया। इतना ही नहीं जनरेटर क्रय और अन्य सामग्री क्रय के नाम पर बिना व्हाउचर के राशि का दुरूपयोग किया गया। ये पूरा खेल मंडी के लेखापाल खिलान सिंह रघुवंशी और मंडी सचिव ओमप्रकाश इमने की मिलीभगत से अंजाम दिया गया। जिसकी मंडी के स्टॉफ को भनक तक नहीं लगी। 

इन अधिकारियों पर गवन का आरोप

मंडी के जिम्मेदारों ने फर्जी रूप से बिना स्वीकृति पत्र के और फर्जी स्वीकृति पत्र बनाकर खरीदी की। साथ ही आंचलिक कार्यालय भोपाल द्वारा सत्यापन की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। मध्यप्रदेश कृषि विपणन बोर्ड ने जारी आदेश में कहा है कि कृषि उपज मंडी समिति, कुरवाई को पहुंचाई गई हानि के संबंध में पदस्थ ओमप्रकाश इमने, करोड़ीलाल अहिरवार, प्रभारी सचिव खिलान सिंह रघुवंशी (सहायक ग्रेड-3), साजिद मोहम्मद (स्थाई कर्मी) लेखापाल, विश्वनाथ धामड़े, (सहायक ग्रेड-3) लेखपाल और शिव बहादुर सिंह गौड़ (सहायक उपनिरीक्षक) स्टोर प्रभारी उत्तरदायी हैं।

कृषि विपणन बोर्ड ने आदेश में यह भी कहा है कि संबंधित सभी दोषी अधिकारी / कर्मचारियों के विरूद्ध तत्काल कुरवाई एवं लटेरी के पुलिस थाने में प्राथमिक सूचना दर्ज कराई जाए। आवश्यक होने पर इस संबंध में पुलिस अधीक्षक से भी सहयोग लिया जाए और तत्काल कार्यालय को अवगत कराया जाए।

अधिकारियों ने डकारे करोड़ो रूपये

गौरतबल रहे कि कुरवाई कृषि उपज मंडी बीते लंबे समय से बंद है। मंडी में किसानों से अनाज लेने वाला कोई व्यापरी नहीं है। जिसके चलते मंडी के जिम्मेदारों ने मौके का फायदा उठाकर करोड़ों रूपये डकार गए और डकार तक नहीं मारी। सूत्रों की माने तो इस पूरे घोटोले में प्रशासन के कुछ जिम्मेदार भी शामिल है, जिन्होंने लाखों रूपयें का लेनदेन कर मामले को दवाने का प्रयास किया। जिसके चलते दोषियों के खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं होना जीता जागता उदहारण है। अगर मामले की गहन जांच की जाए तो कई अन्य लोगों के नाम भी उजागर हो सकते है।

क्या कहते है अधिकारी

कुरवाई थाना प्रभारी राजकुमार यादव : विभाग से मूल दस्तावेज की मांग की गई है। मूल दस्तावेज प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जगदीश बंसल प्रभारी सचिव मंडी समिति कुरवाई : संयुक्त संचालक महोदय अंचल कार्यालय भोपाल का पत्र और प्रतिवेदन एवं भारसाधक अधिकारी महोदय के पत्र को संलग्न कर मंडी समिति कुरवाई की ओर से आवेदन बनाकर कुरवाई थाने में दिया गया है।
 
मनोज प्रजापति SDM कुरवाई : संयुक्त संचालक आंचलिक कार्यालय भोपाल के पत्र के संदर्भ में मंडी सचिव कुरवाई को पत्र भेजा गया है। प्रकरण में वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।


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