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कैलाश विजयवर्गीय : 'अयोध्या' में अब 'कैलाश' की एंट्री से प्रशासन में हड़कंप

कैलाश विजयवर्गीय : 'अयोध्या' में अब 'कैलाश' की एंट्री से प्रशासन में हड़कंप

कैलाश विजयवर्गीय : इंदौर शहर की की ‘अयोध्या' कही जाने वाली विधानसभा-4 में उस समय हड़कंप मच गया जब देर रात मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की एंट्री हुई। ये एंट्री उस इलाके में हुई, जो 1-2 नवंबर को सांप्रदायिक उपद्रव की चपेट में आ गया था। इस एंट्री ने इस पूरे मामले को फिर गरमा दिया। पहले ही इस क्षेत्र में एक बैनर का मुद्दा तूल पकड़ा हुआ था। पुलिस ने जैसे-तैसे पूरे मामले को कंट्रोल किया, लेकिन अंदर ही अंदर तनाव बना हुआ है। 

केदार से अयोध्या पहुंचे कैलाश

मोहन सरकार के कद्दावर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के केदारनाथ से लौटते ही ‘अयोध्या' पहुंचने से न सिर्फ संवेदनशील इलाके में, बल्कि भाजपा की अंदरूनी राजनीति में भी सरगर्मी तेज हो गई, क्योंकि अभी तक इस मामले में विधानसभा-4 की विधायक मालिनी गौड़ व उनके पुत्र नगर भाजपा उपाध्यक्ष एकलव्यसिंह गौड़ ‘फ्रंट फुट पर सक्रिय थे। अब कैलाश विजयवर्गीय की आमद ने इस मामले को नया रंग दे दिया, जिसने भाजपा के साथ जिला व पुलिस प्रशासन को भी असमंजस में डाल दिया।

क्या है पूरा मामला?

इस विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा दीपावली के अगले दिन दो वर्गों के बीच संघर्ष का हिस्सा बन गया था। घटना होते ही विधायक पुत्र एकलव्य ने मोर्चा संभाल लिया और वे थाने पर तब तक डटे रहे, जब तक पीड़ित पक्ष की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। उसके बाद वे उस पोस्टर को लेकर फ्रंट पर आए, जिसे कथित रूप से ‘गजवा-ए-हिंद' से जुड़ा बताया जा रहा था। ये पोस्टर कागदीपुरा के एक धर्मस्थल पर लगा था। हालांकि पुलिस ने इसे उतरवा दिया और एकलव्य की मांग पर पूरे मामले को जांच में शामिल कर इलाके में पुलिस की तैनाती ने सब कुछ लगभग थाम-सा दिया था, लेकिन सोमवार रात ये पूरा क्षेत्र एक बार फिर ‘गरम' हो गया। ये गरमाहट प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री व भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के दौरे से बनी।

पीड़ित पक्ष से मिले विजयवर्गीय

विजयवर्गीय दीपावली के तुरंत बाद बाबा केदारनाथ की शरण में चले गए थे। विधानसभा-4 के टाटपट्टी बाखल व रविदासपुरा के बीच सांप्रदायिक तनाव उसी दौरान हुआ। इस उपद्रव के बाद एकलव्य सिंह के साथ हिंदू संगठनों व इलाके के लोगों ने छत्रीपुरा थाने का घंटों तक घेराव किया। इसमें विधायक पुत्र ने अहम भूमिका निभाई और दर्जनभर से ज्यादा लोगों के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज हुआ, लेकिन सोमवार को विजयवर्गीय की इस क्षेत्र में आमद ने पूरे प्रकरण में नया मोड़ दे दिया। वे रविदासपुरा के उन हिंदू परिवारों के बीच पहुंचे, जो पुलिस रिपोर्ट में पीड़ित पक्ष हैं। वे उस बच्ची और उसके परिजन से भी मिले, जहां से झगड़े की शुरुआत हुई थी। उन्होंने इलाके के लोगों को बेफिक्र रहने की बात कही और उपद्रवी तत्वों की जमकर खबर भी ली। हालांकि उन्होंने इस पूरे मामले में जिला व पुलिस प्रशासन का बचाव किया, लेकिन उपद्रव में शामिल अपराधियों को निशाने पर लेकर ‘अयोध्या' की ‘हिंदुत्व' की राजनीति को नई धार दे दी।

हम भी मैदान में उतरेंगे...

मंत्री विजयवर्गीय ने मीडिया से चर्चा में उपद्रवियों को कड़ी चेतवानी दी। उन्होंने कहा कि शहर की शांत फिजा को बिगाड़ने वालों को इस शहर में रहने नहीं देंर्े। वे यहीं नहीं रुके, बल्कि ये भी कहा कि तनाव के जिम्मेदार चेहरे मुझे मिल गए तो शहर में उल्टा लटकाकर घुमाऊंगा। उन्होंने कहा वैसे तो इस पूरे मामले में पुलिस व जिला प्रशासन मुस्तैदी से काम कर रहा है, लेकिन अगर हमारी जरूरत पड़ी तो हम भी मैदान में उतरेंगे। विजयवर्गीय के इस तेवर ने थमते जा रहे इस मामले में नया रंग भर दिया, जिसके मायने निकाले जा रहे हैं।

लगे जय-जय सियाराम के नारे

विजयवर्गीय देर रात रविदासपुरा पहुंचे। अपने बीच मंत्री को देख इलाके का बहु संख्यक वर्ग उत्साहित हो गया। रविदासपुरा व टाटपट्टी बाखल की तंग गलियों में उसी दौरान जय-जय सियाराम के नारे गूंजने लगे। रविदासपुरा में अधिकांश परिवार दलित समाज के हैं, ऐसे में विजयवर्गीय द्वारा उनके घर जाकर कुशलक्षेम पूछने से रहवासियों में अतिरिक्त उत्साह नजर आया। महिलाओं से भी वे मिले। उन्हें जब बताया गया कि यहां हम सब तरफ से घिरे हुए हैं और हमें आए दिन डराया जाता है, तो मंत्री ने महिलाओं को झांसी की रानी की संज्ञा देते हुए आश्वस्त किया कि अब डरने की जरूरत नहीं। 


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