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महापौर और MIC सभापति पर नाला निर्माण में भारी भरकम भ्रष्टाचार का लगा आरोप 

महापौर और MIC सभापति पर नाला निर्माण में भारी भरकम भ्रष्टाचार का लगा आरोप 

जगदलपुर: नगर निगम जगदलपुर में विपक्षी पार्षदों ने महापौर के खिलाफ एक बार फिर आरोपों किं झडी लगाते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.और कहा कि महापौर बौर पीडब्ल्यूडी सभापति ने बिना एमआइसी के जानकारी में ना देकर मनमानी करते हुए नाला निर्माण में भारी भरकम भ्रष्टाचार किया है. आज काग्रेस भवन आयोजित प्रेसवार्ता लेकर काँग्रेस संगठन के पदाधिकारी और पार्षदो ने बताया कि महापौर ने अपने पूरे कार्यकाल में विकास के नाम पर अपने निधि का दुरुपयोग किया है. साथ ही 15 वित्त के राशि से बनाये जा रहे नाला निर्माण में भारी लापरवाही बरती गई है. 

2 करोड़ में भी सेंध मारने की योजना बनाई: 

उप नेता प्रतिपक्ष और संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि बारीश के दिनों में शहर के काफी वार्ड जलमग्न हो जाता है. जिसमे गंगानगर वार्ड,दलपत सागर वार्ड,सहित अन्य वार्ड डूब जाता है. और नगर सरकार के जनप्रतिनिधियों ने नाला बनाये जाने को लेकर शासन के लग्भग 2 करोड़ में भी सेंध मारने की योजना बना ली थी. लेकिन समय रहते काग्रेसी पार्षदो ने खुलासा किया है और कहा है कि जो नाला 2 करोड़ का बनना था उसका अपूर्ण डीपीआर चंद्रशेखर वार्ड का बना था और जबकि उसका ले आउट दूसरे वार्ड लाल बहादुर शास्त्री वार्ड का होना बताया है. जबकि काम को कुछ कर छोड़ दिया गया. 

गाढ़ी कमाई 79 लाख रुपये अदा की जा चुकी: 

वहीं कहा कि क्या नगर सरकार के महापौर और उनकी तकनीकी टीम को यह नही मालूम कि नाला जंहा बनाया जा रहा है वँहा उसका उपयोग होना है कि नही.ऐसे में शहर के कई ऐसे वार्ड है जनहां बड़े नाला का होना काफी जरूरी है. लेकिन महापौर और एमआइसी सभापति ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ऐसा काम किया कि डुबान क्षेत्र की जनता उन्हें कभी माफ नही करेगी. वहीं उप नेता प्रतिपक्ष ने महापौर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना निजी भूमि के मॉलिक से परमिशन लिए बगैर दलपत सागर वार्ड में रोड व नाली का निर्माण करवाया दिया था जिसके एवज में निगम सरकार को उक्त भूमि मॉलिक को जनता की गाढ़ी कमाई 79 लाख रुपये अदा की जा चुकी हैं. और गलती  पर गलती कर जनता का पैसे को हर्जाने के तौर पर दिया जा रहा है. 

शासन से की जांच कराने की मांग:

साथ ही कहा कि नाला निर्माण सहित अन्य विषयों पर शासन से जांच कराने की मांग की है और कहा है कि अगर दोषी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं कि जाति है तो कांग्रेस संगठन आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन कर न्यायालय में जनहित याचिका भी लगाया जाएगा. इधर महापौर ने पूरे मामले में सफाई दी है और कहा कि जब तक वे काँग्रेस पार्टि में रही तब तक ठीक थी और जैसे पार्टि से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन की तो उनके लिए महापौर भ्रष्टाचारी हो गई. गंदी राजनीति केवल काँग्रेस करती हैं और महिलाओ का अपमान कर जनता का ध्यान भटकाने का काम कर रही हैं साथ ही कहा कि वे मामले की जांच को लेकर जंहा भी जाये. कोई नतीजा नही आएगा सामने ऐसा कोई काम महापौर ने नहीं किया है जो किया है वह सब जनता के सामने है.


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