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Mahakumbh 2025 : अडानी-इस्कॉन चला रहे....दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त धार्मिक क्लाउड किचन

Mahakumbh 2025 : अडानी-इस्कॉन चला रहे....दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त धार्मिक क्लाउड किचन

Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में अध्यात्म का महाकुंभ तो चल ही रहा है साथ ही सेवा और सत्कार का महाकुंभ भी जारी है। ऐसे ही एक महाकुंभ का भागी बन रहा है अडाणी और इस्कॉन का साथ। अडाणी समूह इस्कॉन के साथ मिलकर देश-दुनिया से आए लोगों के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था कर रहा है। इस परमार्थ के लिए दुनिया की सबसे बड़ी रसोई दिन रात काम पर लगी रहती है। 

मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के स्नान के दिनों को मिलाकर देखा जाए तो तकरीबन 5.5 लाख लोगों ने ये महाप्रसाद ग्रहण किया। इन 22 दिनों में तकरीबन 28 लाख लोगों ने महाप्रसाद ग्रहण किया और इसका वितरण लगातार जारी है। महाप्रसाद का वितरण 13 जनवरी से आरंभ हुआ और लगातार जारी है। महाकुंभ क्षेत्र में मौजूद 40 से ज्यादा सेंटर्स पर महाप्रसाद का वितरण किया जा रहा है। इसके लिए क्षेत्र में ही 3 रसोई घर लगातार भोजन प्रसाद का निर्माण करते रहते हैं। 13 जनवरी 2025 से लेकर 3 फरवरी 2025 तक 2  लाख किलो से ज्यादा चावल, 1 लाख किलो से ज्यादा आटा, 1 लाख 50 हजार किलो से ज्यादा सब्जियां, 1 लाख 35 हजार किलो से ज्यादा दालें और 19000 किलो से ज्यादा देसी घी का इस्तेमाल हो चुका है।

50 लाख श्रद्धालुओं को मिलेगा महाप्रसाद

उम्मीद की जा रही है कि महाकुंभ मेले के आखिरी दिन तक अडाणी-इस्कॉन की तरफ से तकरीबन 50 लाख श्रद्धालुओं को महाप्रसाद प्रदान किया जाएगा। महाप्रसाद वितरण का काम लगभग पूरे दिन ही चलता रहता है। 

मिट्टी के चूल्हों का उपयोग

अडाणी-इस्कॉन रसोई का निर्माण भी इस तरह से किया गया है कि खाने की गुणवत्ता बनी रह सके। एक तरफ जहां एलपीजी सिलेंडरों का इस्तेमाल होता है तो दूसरी तरफ ईंट और मिट्टी के इस्तेमाल से चूल्हे भी बने हुए हैं। इन चूल्हों में गाय के गोबर से बने उपलों का इस्तेमाल होता है। यहां पर सब्जियों को धीमी आंच पर पकाया जाता है। पूरे किचन को आईआईटी के 4 सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरों ने तैयार किया है। इस्कॉन प्रवक्ता का कहना है कि हम कहीं भी 2 दिन के नोटिस पर 50 हजार लोगों के लिए खाना बनाने लायक किचन बना सकते हैं।


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