Madhya Pradesh Elections : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों का मतदान 17 नवंबर को हो गया है, प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला अब 3 दिसंबर को सुनाया जाएगा। मतदान के बाद ईवीएम को पुलिस प्रशासन की कड़ी निगरानी में रखा गया है। 3 दिसंबर की सुबह ईवीएम मशीनों को खोला जाएगा और वोटों की गिनती की जाएगी। वोटों की गिनती से पहले राजनीतिक दलों की धड़कने तेज हो गई है।
3 दिसंबर को होने वाली मतगणना को लेकर प्रशासन की ओर से सख्त नियम बनाए है। इस बार मतगणना स्थल के अंदर वीआईपी को भी जाने की सख्त मनाही है। चाहे मंत्री, विधायक, सांसद क्यों नहीं हो। ये सभी गणन ऐजेंट नहीं बन सकेंगे। इसके अलावा सहकारी संस्थान , उपक्रमों के अध्यक्षों पर भी मतगणन स्थल के अंदर जाने पर रोक लगाई है।
ऐसे होती है काउंटिंग
वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू की जाएगी। वोटों की गिनती के करीब तीन घंटे पहले पूरी तैयारी कर ली जाती है। सुबह करीब 5 बजे से मतगणना स्थल पर मौजूद कर्मचारी रेंडमाइजेशन करते है। यानि यह बताया जाता है कि किस टेबल पर काउंटिंक करनी है। इसके बाद सभी की मौजूदगी में सुबह सात बजे स्ट्रांग रूम खोला जाता है। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती होती है और पार्टी एजेंटों और संबंधित अधिकारियों को डाक मतपत्रों की गिनती बताई जाती है। इसके बाद ईवीएम मशीन की सील खोली जाती है और राउंड के हिसाब से वोटों की गिनती होती है।
राउंड के हिसाब से वोटों की गिनती होती है और मौजूदा अधिकारी हर राउंड में हुई वोटों की गिनती की एक कापी जारी करते है, इसके बाद दूसरी ईवीएम खोली जाती है। वोटों की गिनती के बाद एक लॉटरी निकाली जाती है, जिसमें जिस विधानसभा की लॉटरी निकलती है उस नंबर की वीवीपैट की पर्चियों को गिना और मिलान किया जाता है।
गिनती के बाद जारी होता है परिणाम
मतगणना की इन सभी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद हर विधानसभा का परिणाम जारी किया जाता है। और मौजूदा अधिकारी विजयी प्रत्याशी को सर्टिफिकेट जारी करता है।