कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना को 20 दिन हो चुके हैं। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) साजिश और गैंगरेप के संभावित एंगल से कर रही है और इसके लिए दिल्ली के एम्स के विशेषज्ञों की सहायता भी ली जाएगी। DNA और फोरेंसिक रिपोर्ट यह निर्धारित करेंगी कि मुख्य आरोपी संजय रॉय अकेला है या इस वारदात में और भी आरोपी शामिल हैं, और यह भी पता चलेगा कि महिला डॉक्टर के साथ रेप हुआ था या गैंगरेप।
8 अगस्त से ही टारगेट की तलाश में था आरोपी:
अब जानते हैं कि लेडी डॉक्टर के रेप और मर्डर केस के मुख्य आरोपी संजय रॉय को कोलकाता पुलिस ने कैसे पकड़ा और यह वारदात कैसे हुई। 8 अगस्त को संजय रॉय दोपहर से ही एक शिकार की तलाश में था। शाम को शराब पीने के बाद, वह अपने दोस्त और सिविक वॉलिंटियर सौरभ के साथ रेड लाइट एरिया सोनागाछी और कालीघाट गया। वहां सौरभ ने एक सेक्स वर्कर के साथ संबंध बनाए, लेकिन संजय रॉय की बात नहीं बनी।
सेक्सुअल जरूरतें पूरी ना होने से चिढ़ा हुआ था संजय :
आरोपी संजय रॉय के दोस्त सौरभ से बातचीत के दौरान उसने खुलासा किया, "संजय रॉय काफी फ्रस्ट्रेटेड और चिढ़ा हुआ था। उसने मुझसे कहा, 'तुम्हारी पत्नी है और तुमने मजे भी कर लिए। मेरी पत्नी नहीं है और यहाँ मैं कुछ भी नहीं कर पाया।'"
अस्पताल के हर जगह का था एक्सेस :
रिपोर्ट के अनुसार, संजय रॉय अक्सर आरजी कर मेडिकल कॉलेज में आता रहता था और 8 अगस्त को भी वह अपने दोस्त सौरभ के साथ अस्पताल की ओर बढ़ा। उसे अस्पताल में हर जगह एक्सेस था। पुलिस के मुताबिक, रास्ते में संजय रॉय ने एक लड़की के साथ छेड़खानी की और फिर अस्पताल के बाहर किसी मरीज या तीमारदार को अपना शिकार बनाने की कोशिश की, लेकिन उसे लगा कि वहाँ किसी वारदात की स्थिति में काफी हल्ला मच सकता है।
सेमिनार हॉल में संजय को मिली टारगेट :
इसके बाद, संजय रॉय ऑपरेशन थियेटर की ओर बढ़ा, जहां उसने डॉक्टर, नर्स या महिला मरीज को अपना टारगेट बनाने की कोशिश की, लेकिन वहां भी उसकी बात नहीं बनी। फिर वह सेमिनार हॉल की ओर बढ़ा, जहां एक लेडी ट्रेनी डॉक्टर 36 घंटे की ड्यूटी के बाद थोड़ी देर के लिए सो रही थी। संजय रॉय को यहाँ अपना टारगेट मिल गया।
बॉक्सर और बॉडी बिल्डर था संजय :
संजय रॉय, जो कि एक बॉक्सर और बॉडी बिल्डर रहा है, को पता था कि गले की कौन सी जगह दबाने से व्यक्ति बेहोश हो जाता है या उसकी मौत हो सकती है। उसने सीधे महिला डॉक्टर का गला दबा दिया। महिला डॉक्टर ने अपने बचाव की काफी कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाई।
अपना ब्लूटूथ हेडफोन भूल आया:
महिला डॉक्टर के बेहोश होने के बाद संजय रॉय ने उसके साथ रेप किया। फोरेंसिक एक्सपर्ट यह तय करेंगे कि रेप से पहले डॉक्टर की मौत हो चुकी थी या वह जीवित थी। रिपोर्ट के अनुसार, संजय रॉय ने लगभग 40 मिनट में वारदात को अंजाम दिया और फिर वहां से चला गया, लेकिन वह अपना ब्लूटूथ हेडफोन वहीं भूल गया।
CCTV फुटेज में संजय रॉय संदिग्ध पाया गया:
9 अगस्त की सुबह, एक ट्रेनी डॉक्टर ने सेमिनार हॉल में महिला डॉक्टर की लाश देखी और इसकी सूचना प्रिंसिपल को दी। पुलिस ने उस रात अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों, तीमारदारों, ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों, नर्सों, स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड से पूछताछ की, लेकिन कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं मिली। CCTV फुटेज में संजय रॉय को संदिग्ध के तौर पर सेमिनार हॉल में आते और जाते हुए दिखाया गया।
9 अगस्त की रात 10 बजे किया गया गिरफ्तार :
अस्पताल की पुलिस चौकी के स्टाफ ने भी संजय रॉय को फुटेज में पहचान लिया। 9 अगस्त की रात 10 बजे कोलकाता पुलिस ने उसे उसके बैरक से गिरफ्तार किया। शुरू में संजय ने गोलमोल जवाब दिए, लेकिन पुलिस ने कड़ी पूछताछ शुरू की।
ब्लूटूथ हेडफोन ने खोली पोल :
पुलिस ने संजय रॉय से पूछा कि क्या वह गाने सुनता है, और उसने पुष्टि की। जब पुलिस ने उसे उसका ब्लूटूथ हेडफोन दिखाया और पूछा कि क्या यह उसका है, तो उसने मना कर दिया। लेकिन पुलिस ने ब्लूटूथ की MAC ID को उसके मोबाइल की ब्लूटूथ हिस्ट्री में पाया, जिससे पता चला कि उसने इस ब्लूटूथ का उपयोग अपने मोबाइल डिवाइस में किया था। इसके अलावा, उसका ब्लूटूथ ऑटोमेटिकली मोबाइल से कनेक्ट भी हो गया था।
मोबाइल की सर्च हिस्ट्री से मिली अजीबोगरीब चीजें :
पुलिस ने संजय रॉय के मोबाइल की सर्च हिस्ट्री की जांच की और पाया कि उसमें सैकड़ों पोर्न वीडियो देखे गए थे, जिनमें से कुछ अजीब किस्म के थे, जैसे भाई-बहन का सेक्स।
संजय रॉय को वारदात का कोई पछतावा नहीं :
पुलिस के मुताबिक, संजय रॉय को वारदात का कोई पछतावा नहीं था और उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। उसने क्राइम सीन रिक्रिएशन के दौरान पूरी आत्मविश्वास के साथ सारी बातें बताईं। अब CBI मामले की साजिश और गैंगरेप के एंगल से जांच कर रही है।