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गर्मी से राहत के लिए बनाए सैर-सपाटे का प्लान, जानें इस मौसम में कौन सी डेस्टिनेशंस रहेंगी परफेक्ट

गर्मी से राहत के लिए बनाए सैर-सपाटे का प्लान, जानें इस मौसम में कौन सी डेस्टिनेशंस रहेंगी परफेक्ट

Summer Travel Tips: पिछले दो साल से कोविड (Covid) की वजह से ज्यादातर लोग वैकेशन ट्रैवलिंग (Vacation Travelling) पर कहीं नहीं जा पाए। लेकिन अब हालात वैसे नहीं रहे, काफी कुछ सामान्य-सा हो गया है। इस वजह से इस साल समर वेकेशन (Summer Vacations) में ट्रैवलिंग की प्लानिंग काफी लोग कर रहे हैं। अगर आप अब तक यह डिसाइड नहीं कर पाए हैं कि इन छुट्टियों में आपको कहां जाना है, तो चिंता ना करें। हम बता रहे हैं कुछ कूल डेस्टिनेशंस (Cool Destinations) के बारे में।

माजुली, असम

अगर आप किसी नए और बिल्कुल अनकॉमन टूरिस्ट प्लेस पर जाना चाहती हैं तो फैमिली के साथ माजुली जा सकती हैं। यह असम की ब्रह्मपुत्र नदी में बसा एक द्वीप है। इसे दुनिया के सबसे बड़े रिवर आईलैंड होने का गौरव भी प्राप्त है। यहां प्रदूषणरहित वातावरण में आनंद उठाने के लिए भारत ही नहीं दुनिया भर से पर्यटक आते हैं। चारों तरफ हरियाली, ठंडी हवाएं और ब्रह्मपुत्र का सान्निध्य इसके खास आकर्षण हैं। इसे असम की सांस्कृतिक राजधानी का दर्जा भी दिया गया है। यहां आपको आदिवासियों के जीवन को नजदीक से देखने का मौका मिलेगा। यहां जोरहाट से बोट द्वारा पहुंचा जा सकता है। गुवाहाटी से यह 350 से 400 किलोमीटर दूर है। यहां आप बांस की झोपड़ियों में रहते स्थानीय लोगों को मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाते हुए देख सकते हैं। साथ ही यहां तरह-तरह के देसी-विदेशी पक्षी भी खूब नजर आएंगे। यहां खूब सैर-सपाटा करें, नौका की सवारी करें और जी भरकर फोटोग्राफी करें।

जीरो, अरुणाचल प्रदेश

जीरो, अरुणाचल प्रदेश का एक पुराना हिल स्टेशन है। अगर आप हरियाली के बीच शांतिपूर्ण छुट्टियां अपने परिवार के साथ बिताना चाहती हैं तो यहां जा सकती हैं। यहां पूरे साल मौसम सुहावना रहता है। यहां आपको तिब्बती भोजन का स्वाद खूब मिलेगा। मोमो (वेज-नॉनवेज), थुपका (वेजिटेबल और नॉनवेज सूप), जेन खुरा (पैन केक जैसा एक व्यंजन) ज्ञापाखाजी (राइस पुलाव जैसा वेज-नॉनवेज डिश) आदि यहां चख सकते हैं। तेजपुर एयरपोर्ट यहां से मात्र 200 किलोमीटर दूरी पर है। यहां आप टेली वैली वाइल्डलाइफ सेंकचुअरी, मेघना केव टेंपल, कुदरती शिवलिंग (जो 25 फुट लंबा और 22 फीट चौड़ा है), किले पाखो (जहां से एक तरफ जीरो पठार और दूसरी तरफ बर्फ से लदा हिमालय है) देख सकते हैं। यहां ट्रैकिंग का खास आकर्षण है। ईटानगर से जीरो 167 किलोमीटर दूर है।

धर्मशाला और डलहौजी

कांगड़ा घाटी में बसे धर्मशाला की जलवायु और वातावरण बहुत सुहावना रहता है। धौलाधार के पहाड़ियों से घिरा यह अंचल चारों तरफ देवदार और चीड़ के पेड़ों से घिरा हुआ है। यहां की सांस्कृतिक विशेषता और शिल्प कला भी देखने लायक है। यहां आपको भारतीय और तिब्बती व्यंजनों को चखने का मौका भी मिलेगा। धर्मशाला से 120 किलोमीटर दूर डलहौजी ऐसा पर्यटन स्थल है, जहां पूरे साल जाया जा सकता है। पहाड़ियों से घिरे इस मनोरम स्थल पर्यटन स्थल पर आप झर-झर बहते प्राकृतिक झरने, कल कल बहती झीलें और हरियाली से लदे पेड़ चारों तरफ देख सकते हैं। बच्चों और बड़ों के लिए मौज-मस्ती करने के लिए यहां काफी कुछ है। जैसे ट्रैकिंग, रिवर राफ्टिंग, कैनोइंग, कयाकिंग और कैंपिंग। हिमाचल प्रदेश में स्थित यह स्थान दिल्ली से 555 किलोमीटर दूर है। यहां पास ही 24 किलोमीटर दूर खज्जियार है, जहां आप प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। साथ ही घुड़सवारी, पैराग्लाइडिंग आदि का भी आनंद ले सकते हैं।

सिक्किम

कहते हैं पर्यटन के शौकीन हर व्यक्ति को जीवन में एक बार सिक्किम जरूर जाना चाहिए। उत्तर पूर्वी भारत का गलियारा सिक्किम राज्य, प्राकृतिक छटा से भरपूर है। यहां बच्चों और बड़ों के मनोरंजन के लिए काफी कुछ है। प्रकृतिप्रेमियों का तो यहां से लौटने का ही मन नहीं करता। यहां आप गंगटोक में ट्सोमगो झील, नाथूला दर्रा, पेलिंग, रूमटेक के मठ की खूबसूरती, यामतांग घाटी, नामची, जुलुक और लाचेन जैसी जगहों पर खूब एंज्वॉय करेंगे। दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा यहां का विशेष आकर्षण है। मार्च से अक्टूबर तक यहां मौसम सुहाना रहता है। यहां खाने के लिए आपको नेपाली, तिब्बती और सिक्किम के स्थानीय व्यंजन मिलेंगे जो ज्यादतर नॉनवेज होते हैं। शाकाहारी लोगों को यहां खाने पीने की कुछ असुविधा हो सकती है। इसलिए आपको स्नैक्स, होममेड फूड, ड्राई फ्रूट्स और बिस्किट जैसी चीजें साथ रखनी चाहिए।

लद्दाख

गर्मियों में घूमने के लिए परफेक्ट जगह है, लद्दाख। यहां हर किसी का मन रम जाएगा। कुदरत की अनूठी सौगात, मनोरम दृश्य, ठंडा वातावरण मन को सुकून देते हैं। नीली झीलों, नीले आसमान और खूबसूरत पहाड़ियों को आप देखते ही रह जाएंगे। ये दृश्य हर किसी की आंखों और मन में जीवन भर के लिए कैद हो जाते हैं। पैंगोंग लेक यहां का सबसे खास आकर्षण है। यहां नुब्रा घाटी में बालू के टीलों के बीच पहाड़ी ऊंटों की सवारी करना आपको खूब भाएगा।


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