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IAS Transfer MP : प्रदेश में आधी रात 7 आईपीएस बदले, रात 1 बजे गृह विभाग से आदेश जारी

IAS Transfer MP : प्रदेश में आधी रात 7 आईपीएस बदले, रात 1 बजे गृह विभाग से आदेश जारी

भोपाल। मध्यप्रदेश में मंगलवार आधी रात को 7 आईपीएस अफसरों के तबादले किए गए। रात एक बजे गृह विभाग से जारी आदेश के मुताबिक मुख्यमंत्री के ओएसडी सहित 7 आईपीएस की पदस्थापना में फेरबदल कर दिया गया। जारी सूची के मुताबिक इंदौर पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता को मुख्यमंत्री का ओएसडी बनाया गया है। वर्तमान ओएडी राजेश हिंगणकर 31 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। हिंगणकर 19 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ओएसडी बनाए गए थे।

गुप्ता की पदस्थापना ओएसडी के तौर पर करने के पीछे यह कारण माना जा रहा है कि सीएम ने कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए उनको अपनी टीम में शामिल किया है। इधर, अपर परिवहन आयुक्त ग्वालियर, 1997 बैच के आईपीएस उमेश जोगा को उज्जैन जोन का अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) बनाया गया है। बताया जा रहा है कि जोगा की परिवहन आयुक्त डीपी गुप्ता से पटरी नहीं बैठ रही थी। दोनों में सामंजस्य न होने की बातें उच्च स्तर तक पहुंची थी। हालांकि, जोगा को मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र उज्जैन में एडीजी जोन के तौर पर पदस्थ किया गया है। उनकी पदस्थापना इस लिहाज से महत्वपूर्ण है। वे छिदवाड़ा बालाघाट रेंज में डीआईजी और जबलपुर, चंबल और रीवा जोन में आईजी के तौर पर काम कर चुके हैं।

संपत उपाध्याय जबलपुर एसपी

तीन जिलों जबलपुर, देवास और बड़वानी जिले के एसपी बदल गए हैं। जबलपुर एसपी आदित्य प्रताप सिंह पुलिस मुख्यालय में एआईजी के तौर पर पदस्थ किए गए हैं। देवास के एसपी संपत उपाध्याय को जबलपुर एसपी बनाया गया है। बड़वानी एसपी पुनीत गहलोत को देवास का एसपी और इंदौर के पुलिस उपायुक्त जगदीश डाबर को बड़वानी का एसपी बनाया गया है।

इंदौर के कप्तान रहे संतोष कुमार अब वहीं सीपी
 
वहीं,आईजी उज्जैन संतोष सिंह को इंदौर का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। इंदौर महानगर में अपराध नियंत्रण बड़ी चुनौती है। संतोष कुमार सिंह की कार्यशैली एक सख्त अफसर की मानी जाती है। वे पूर्व में इंदौर के पुलिस कप्तान रह चुके हैं। इस दौरान उन्होने कई कुख्यात अपराधियों को जेल भिजवाया था। साथ ही उनकी पदस्थापना भोपाल डीआईजी, इंटेलीजेंस आईजी सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर रही है। अपराध नियंत्रण के मामले में वे बेहतर पुलिस अधिकारियों में शुमार है। इंदौर को पुलिस कमिश्नर के रूप में इसी तरह के अफसर की जरूरत थी।


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