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एक शादी और गांधी-बच्चन परिवार में आई खटास, पढ़िए पूरी कहानी

एक शादी और गांधी-बच्चन परिवार में आई खटास, पढ़िए पूरी कहानी

गांधी-बच्चन परिवार किस्सा : देश की राजनीति में अपना दबदबा कायम रखने वाला गांधी परिवार और बॉलीवुड जगत के सबसे बड़े बच्चन परिवार के बीच की खटास किसी से परे नहीं है। दोनों परिवारों की दोस्ती इलाहाबाद से शुरू तो हुई थी, लेकिन दिल्ली पहुंचते ही दोनों परिवार में गर्माहट पैदा हो गई। एक समय था जब दोनों परिवारों के बीच दोस्ती अटूट मानी जाती थी। वक्त वो भी था जब राजीव गांधी और संजय गांधी बच्चन परिवार के अजिताभ और अमिताभ बच्चन के साथ स्कूल की छुट्टियों में तीन मूर्ति भवन परिसर में खेला करते थे। इस बात का जिक्र जाने माने पत्रकार रशीद किदवई ने अपनी एक किताब नेता अभिनेता- बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स में किया है। 

इंदिरा-बच्चन की दोस्ती

लेखिका उमा वासुदेव और अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन के बीच हुई बातचीत के अनुसार इंदिार गांधी और अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन के बीच अच्छी दोस्ती थी। दोंनो की बीच की दोस्ती सार्वजनिक तौरपर कभी लोगों के सामने नहीं आई। जब जवाहरलाल नेहरू का निधन हुआ तब तेजी बच्चन भी मौजूद रही थी। नेहरू के निधन के बाद दोनों के परिवारों के बीच मेल मिलाप का दौर चलता रहा। मुलाकातों के दौरान दोनों के बीच राजनीति पर कभी बात नहीं होती थी। दोनों के बीच संगीत, खेल सिनेमा को लेकर चर्चा होती रहती थी। 

बच्चन परिवार के साथ रही सोनिया 

सोनिया गांधी बच्चन परिवार के साथ करीब डेढ़ महीने रही। जब सोनिया गांधी पहली बार दिल्ली गई थी तब एयरपोर्ट पर उन्हें लेने के लिए अमिताभ बच्चन पहुंचे थे। बच्चन परिवार के साथ रहते समय सोनिया गांधी अमिताभ की मां को तीसरी मां करने लगी थी। जब सोनिया गांधी की शादी राजीव गांधी से नहीं हुई थी तब उनकी सास ने सोनिया गांधी को बच्चन परिवार के साथ रहने को कहा था ताकी वे भारतीय रिति रिवाज सीख सके। इस बात का जिक्र खुद सोनिया गांधी एक इंटरव्यू में कर चुकी है। 

गांधी-बच्चन परिवार के रिश्ते हुए खराब?

जब देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई थी, तब से दोनों परिवार के बीच खटास पैदा हो गई थी। इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाने के बाद बच्चन परिवार को एक जनसभा में आने को कहा था, लेकिन तेजी बच्चन ने आने से साफ इनकार कर दिया था। तेजी बच्चन का कहना था कि इससे अमिताभ बच्चन के करियर पर बुरा असर पड़ सकता है। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी ने अमिताभ बच्चन को राजनीति में लाने का भी प्रयास किया, लेकिन अमिताभ को राजनीति पसंद नहीं थी। इसलिए बच्चन परिवार राजनीति के चलते गांधी परिवार दरकिनार होने लगा। ऐसे में दोनों परिवार के बीच खटास की शुरूआत हो गई और नजीता यह निकला की बच्चन की कंपनी दिवालिया की कगार पर पहुंच गई। 

एक शादी से टूटी परिवार की दोस्ती

गांधी परिवार और बच्चन परिवार के बीच खटास की सबसे बड़ी वजह एक शादी रही। इसी शादी ने दोनों परिवार के बीच दूरियां बढ़ा दी थी। दरअसल, सोनिया गांधी ने अपनी बेटी प्रियंका गांधी की शादी 18 फरवरी 1997 में देश के जाने माने ​बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा से तय की थी। वही अमिताभ बच्चन ने अपनी बेटी श्वेता की शादी भी तय कर दी। श्वेता की शादी 17 फरवरी 1997 में धूमधाम से की गई। शादी को लेकर चर्चा हुई की बच्चन परिवार ने जानबूझकर प्रियंका की शादी से पहले अपनी बेटी की शादी एक दिन पहले रखी। इसी बात को लेकर सोनिया गांधी नाराज हो गई। इतना ही नहीं बच्चन परिवार की शादी में गांधी परिवार से कोई नहीं गया। 

बच्चन का बुलावा, सोनिया का इनकार 

साल 1999 की बात है जब अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन अपनी फिल्म रिफ्यूजी के प्रीमियर में सोनिया गांधी और उनके परिवार को आमंत्रण भेजा था। लेकिन सोनिया गांधी परिवार ने आने से इनकार कर दिया था। उन्होंने साफ तौर पर कहा की वे पार्टी की नीतियों के अनुसार फाइव स्टार होटलों के कार्यक्रमों में नहीं जाती है। वे हमेशा सादा जीवन जीना पसंद करती है। इसके बाद से दोनों परिवार और उनके सदस्य कभी एक नहीं दिखे। 


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